Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jun, 2017 05:11 AM
पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत आए कैदियों ने रब का शुक्र मनाया....
अमृतसर(नीरज): पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत आए कैदियों ने रब का शुक्र मनाया कि वे जिन्दा लौट आए हैं। इन कैदियों का कहना है कि पाकिस्तान की कोटलखपत जेल नर्क का दूसरा नाम है क्योंकि इस जेल में भारतीय कैदियों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जाता है। पाकिस्तानी अधिकारी भारतीय कैदियों के साथ जानवरों जैसा सलूक करते हैं और अपने कुत्तों को भारतीय कैदियों का खून पिलाते हैं।
गलती से सीमा पार कर गए जम्मू पुलिस के कांस्टेबल सोहन लाल व 10 वर्ष सजा काटकर आए अब्दुल मजीद ने बताया कि पाकिस्तान की जेलों में आज भी दर्जनों ऐसे भारतीय कैदी हैं जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं लेकिन भारत सरकार उनकी रिहाई के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को चाहिए कि पाकिस्तानी जेलों में कैद भारतीय को तुरंत रिहा करवाएं। मजीद ने कहा कि उसको 4 वर्ष की कैद हुई थी लेकिन 10 वर्ष सजा काटी है जबकि वह जम्मू-कश्मीर में गलती से बार्डर क्रास कर गया था। मजीद ने कहा कि पाकिस्तान की जेलों में बंद कैदी टी.बी. जैसी बीमारियों के शिकार हैं लेकिन पाकिस्तानी जेल अधिकारी उनका इलाज नहीं करवाते हैं जिससे कई कैदी मर भी चुके हैं। भारत सरकार को अपने कैदियों की रिहाई के लिए गंभीरता के साथ प्रयास करने चाहिए।
रॉ सबसे घटिया खुफिया एजैंसी
रॉ के लिए पाकिस्तान में काम कर चुके पठानकोट निवासी पंकज कुमार ने कहा कि रॉ सबसे घटिया खुफिया एजैंसी है। उसने अपनी जिन्दगी के 20 साल रॉ के लिए गंवा दिए लेकिन आज इस एजैंसी की तरफ से उसे कुछ नहीं दिया जा रहा है। पाकिस्तान की जेलों में उसे कई-कई दिन उलटा लटकाया जाता था। पंकज ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान से रिहा होकर आए कैदियों की आर्थिक मदद करनी चाहिए,विशेष रूप से जो कैदी जासूसी करने के लिए पाकिस्तान गए थे।
अमृतसर की जेल में भी हैं सजा पूरी कर चुके पाकिस्तानी कैदी
जिस प्रकार से पाकिस्तान की जेलों में दर्जनों ऐसे कैदी हैं जो अपनी सजा पूरी होने के बावजूद जेल काट रहे हैं, उसी प्रकार से अमृतसर व अन्य राज्यों की जेलों में भी काफी पाकिस्तानी कैदी हैं जो सजा पूरी होने के बावजूद जेल में बंद हैं, उनको रिहा नहीं किया जा रहा है। दोनों देशों की सरकार को एक स्पैशल कमेटी बनाकर ऐसे कैदियों की तुरंत रिहाई करवानी चाहिए जो सजा पूरी कर चुके हैं लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ज्यूडीशियल कमेटी भी नहीं छुड़ाती अपने कैदी
रिहा होकर आए कैदियों ने ज्यूडीशियल कमेटी पर भी लापरवाही के आरोप लगाए हैं। कैदियों का कहना है कि भारतीय ज्यूडिशियल कमेटी भी कैदियों की कोई सुनवाई नहीं करती है। इस कमेटी ने जब पाकिस्तानी जेलों का दौरा किया था तो उनको रिपोर्ट दी गई थी कि पाक जेलों में कई कैदी अपनी सजा पूरीकर चुके हैं लेकिन उनको रिहा नहीं किया जा रहा है, लेकिन इस कमेटी ने भी कोई कैदी नहीं छुड़वाया। कैदियों ने आरोप लगाया कि ज्यूडीशियल कमेटी के सदस्य घूमने-फिरने तक सीमित रहते हैं और कैदियों की रिहाई के लिए कोई प्रयास नहीं करते हैं। सोहन लाल ने बताया कि वह तो गलती से सीमा पार कर गया था। एक तरफ दोनों देशों में समझौता है कि गलती से सीमा पार करने वाले कैदियों को रिहा कर दिया जाए लेकिन पाकिस्तान इस समझौते का पालन नहीं करता है।