Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 04:13 PM
यहां 55 वर्षीय रणजीत कौर, जिसको डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ....
बठिंडा: यहां 55 वर्षीय रणजीत कौर, जिसको डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
दरअसल, तीन साल पहले बठिंडा के गांव संगत खुर्द की रहने वाली महिला को दिल की बीमारी हुई तो दिल्ली हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने महिला को दिल में पेस मेकर डलवाने की सलाह दी। साढ़े तीन लाख रुपए खर्च करके महिला ने पेस मेकर डलवा भी लिया। उस समय पर डॉक्टरों ने महिला को पेस मेकर की 10 साल की गारंटी दी थी, परन्तु 3 वर्ष के अंदर ही पेस मेकर बाहर आ गया जो साफ दिखाई दे रहा है। दर्द के साथ तड़प रही महिला अस्पताल के चक्कर मारकर थक गई है, पर डॉक्टर गलती सुधारने को राजी नहीं।
वहीं दिल्ली हार्ट इंस्टीट्यूट के प्रबंधन सतीश मनचंदा का कहना है कि इस केस में 4 से 5 प्रतिशत लोगों का पेस मेकर बाहर आ ही जाता है। परन्तु फिर भी महिला के दोबारा इलाज में कुछ पैसे कम कर देंगे। गरीब परिवार से सम्बन्ध रखती महिला ने अपना घर-बार बेचकर अपना इलाज करवाया था। लेकिन अब डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उसको फिर से इलाज अपना करवाने के लिए अस्पताल के धक्के खाने पड़ रहे हैंऔर डॉक्टर उसका इलाज करने से भाग रहे हैं।