Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 11:30 AM
स्मॉग ने एक तरफ जहां लोगों को सांस लेना दूभर कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ घने कोहरे में लगातार जिंदगी भटक रही है। पिछले 3 दिनों में ही प्रदेश में 30 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से लापरवाह बनी हुई है। न तो प्रशासन ने घने धुंध...
जालंधर(अमित) : स्मॉग ने एक तरफ जहां लोगों को सांस लेना दूभर कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ घने कोहरे में लगातार जिंदगी भटक रही है। पिछले 3 दिनों में ही प्रदेश में 30 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से लापरवाह बनी हुई है। न तो प्रशासन ने घने धुंध में वाहन चालकों को रास्ता दिखाने को लेकर कोई पहल की है और न ही पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। सड़कों पर दौड़ रहे ओवरलोडिड कमर्शियल वाहनों ने काल का रूप धारण कर लिया है और लगातार कीमती जानें लीलने का काम कर रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस के हालात तो इतने खराब हैं कि अभी तक वाहनों के पीछे रिफ्लैक्टर तक लगाने का काम नहीं किया गया है। कोहरा पड़ते ही खुद ट्रैफिक पुलिस गायब हो जाती है। हवा में घुले इस जहरीले स्मॉग के कारण स्कूलों में तीन दिन के लिए छुट्टी कर दी गई है। सभी को प्रदूषण से बचने की हिदायतें दी जा रही हैं। स्मॉग के कारण आंखों में जलन और सांस लेने में भी प्रॉब्लम हो रही है। मगर पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा इस मामले को लेकर अधिक सक्रियता नहीं दिखाई जा रही जोकि बेहद चिंताजनक है और इसके काफी घातक परिणाम सामने आ सकते हैं। ओवरलोडिड वाहनों की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के कारण कइयों को कीमती जानें गंवानी पड़ सकती हैं।
परिवहन विभाग द्वारा सख्ती बरतने की जरूरत
जिस तरह से आए दिन शहर और आस-पास ओवरलोड कमर्शियल वाहनों की वजह से सड़क दुर्घटनाएं घटती रहती हैं, उनको देखते हुए परिवहन विभाग को सख्ती बरतने की काफी जरूरत है, क्योंकि अक्सर यह देखने में आता है कि किसी सिफारिश या जुगाड़ से ओवरलोडिड वाहनों का चालन नहीं किया जाता और उन्हें ऐसे ही जाने दिया जाता है। मौके पर ही हुई सैटिंग का नतीजा यह निकलता है कि ऐसे वाहन किसी यमराज की भांति सड़क पर चल रहे अन्यों के लिए जानलेवा साबित होते हैं।
फॉग लाइटों के साथ भटके राहगीरों को रास्ता दिखाने को लेकर उदासीन रवैया
पुलिस के ट्रैफिक विभाग द्वारा कुछ साल पहले तक सर्दियों के इन दिनों में जब कोहरे व स्मॉग आदि का जोर रहता था तब हाईवे एवं मुख्य सड़कों पर विशेष दस्ते तैनात किए जाते थे, जिनके पास बड़ी-बड़ी फॉग लाईटें उपलब्ध रहती थी, जिनकी सहायता से वे रास्ता भटक गए राहगीरों की सहायता किया करते थे। मगर मौजूदा समय में पुलिस प्रशासन का इस तरह के दस्ते तैनात करने को लेकर रवैया बेहद उदासीन बना हुआ है, जिसकी वजह से भी सड़कों पर दुर्घटनाओं में काफी वृद्धि हो रही है।
नगर निगम भी जिम्मेदार
पराली के साथ-साथ शहर में सूखे पत्तों व कूड़े के ढेरों को भी खुलेआम आग लगाई जा रही है। इसके लिए सीधे तौर पर नगर निगम जिम्मेदार है और निगम कर्मचारी व अधिकारी ही यह काम कर रहे हैं।
सैक्रेटरी आर.टी.ए. को गहन चैकिंग के निर्देश हैं जारी : डी.सी.
डी.सी. वरिंदर कुमार शर्मा का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की तरफ से सैक्रेटरी आर.टी.ए. को लगातार गहन चैकिंग करने के निर्देश जारी किए गए हैं। किसी भी सूरत में ओवरलोडिड वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। डी.सी. ने कमर्शियल वाहन चालकों को आह्वान किया कि वे तय लोड लेकर ही गाड़ी चलाएं। कोहरे में रिफ्लैक्टर व अन्य जरूरी सावधानियों का पालन करें, ताकि कीमती जानों की रक्षा की जा सके।
एक हफ्ते से दिन में 6 घंटे हो रही है फील्ड चैकिंग : आर.टी.ए.
सैक्रेटरी आर.टी.ए. बलबीर सिंह का कहना है कि मौसम विभाग से मिली चेतावनी और एकदम से आए बदलाव को देखते हुए उनकी तरफ से संंबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके तहत पिछले एक हफ्ते से हर रोज लगभग 6 घंटे ( सुबह 4 और शाम को 2 घंटे) की विशेष फील्ड चैकिंग करवाई जा रही है। ए.टी.ए. बलबीर सिंह अपने स्टाफ के साथ लगातार शहर के सारे एंट्री और एग्जिट प्वाइंटों पर निजी तौर पर चैकिंग कर ओवरलोडिड वाहनों का चालान कर रहे हैं। कुछ वाहन बाऊंड भी किए गए हैं। पिछले 7 दिनों में लगभग 60-70 चालान कर उनसे मोटा जुर्माना वसूला गया है। आने वाले दिनों में इस मुहिम में और तेजी लाई जाएगी, जिसके तहत न केवल जुर्माना बल्कि अन्य जरूरी कदम भी उठाए जाएंगे जिससे ओवरलोडिड वाहनों पर पूर्ण रोक लगाई जा सके और कीमती जानों को बचाया जा सके।