Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 11:31 AM
कांग्रेस सरकार के पहले 6 महीने पूरे होने के बाद समूचे मीडिया और विपक्ष द्वारा पंजाब के विकास और प्रशासन को लेकर अपनी-अपनी राय रखी जा रही है। इसी के बीच यदि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के अपने शहर की बात की जाए, जहां से वह चौथी बार विधायक भी...
पटियाला (बलजिन्द्र) : कांग्रेस सरकार के पहले 6 महीने पूरे होने के बाद समूचे मीडिया और विपक्ष द्वारा पंजाब के विकास और प्रशासन को लेकर अपनी-अपनी राय रखी जा रही है। इसी के बीच यदि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के अपने शहर की बात की जाए, जहां से वह चौथी बार विधायक भी हैं, के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पहले 6 महीनों में शहर में विकास के नाम पर ईंट भी नहीं लगी।
पटियाला शहर में सीवरेज ओवरफ्लो या फिर कंट्रोल से बाहर कह लिया जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। आर्य समाज चौक, छोटी बारादरी, बेअंत सिंह के बुत के आसपास, बारादरी से श्री काली माता मंदिर को जाने वाले रास्ते, सिटी सैंटर मार्कीट की एंट्री प्वाइंट के पास अक्सर सीवरेज ओवरफ्लो रहता है। इस बार शहर के पानी की निकासी के लिए न तो नालों की सफाई की गई और न ही जैकब ड्रेन की।
सड़कों पर ईंट और मलबे का पैचवर्क
शहर को ‘जन्नत’ बनाने का स्वप्न दिखाने वाली कांग्रेस सरकार के राज में पटियाला शहर में पहली बार कोलतार और रोड़ी की सड़कों का पैचवर्क ईंटों से किया जा रहा है। लोअर माल रोड पर ईंटों से पैचवर्क किया जा रहा है। इससे बुरी हालत सरहंदी गेट से आर्य समाज को जाने वाली सड़क, नामदार खान रोड की है, जहां किसी के घर या सड़क से निकली रेत और रोड़ी के साथ गड्ढे भरे गए हैं।
डिप्टी कमिश्नर और नगर निगम कमिश्नर का मास्टर प्लान ठंडे बस्ते में
2 महीने पहले शहर के विकास को लेकर डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित और नगर निगम कमिश्नर गुरप्रीत खैहरा की तरफ से शहर के विकास का एक मास्टर प्लान तैयार किया गया था, जिसमें शहर को 6 भागों में बांटा गया था। उस मास्टर प्लान संबंधी अधिकारियों की रिपोर्टों बारे कुछ अता-पता नहीं लग रहा है।
नवरात्रों में सीवरेज के पानी में से गुजर कर श्रद्धालु मंदिर में जाने के लिए होंगे मजबूर
इसी हफ्ते वीरवार से शुरू होने जा रहे माता के नवरात्रों में शहर और बाहर से आने वाले श्रद्धालु सीवरेज के पानी में से गुजर कर मंदिर में जाने के लिए मजबूर होंगे क्योंकि बारादरी से श्री काली माता मंदिर को जाने वाले रास्ते में पूरा साल ही सीवरेज का पानी भरा रहता है। इतना ही नहीं यह सड़क भी बुरी तरह टूटी हुई है। नगर निगम इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
बड़े प्रोजैक्टों की तरफ भी नहीं दे रहा कोई ध्यान
शहर के बड़े प्रोजैक्टों जिनमें चाहे शहर से डेयरियों को बाहर निकालने की बात हो, सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट की बात हो, कैनाल बेस्ड ट्रीटमैंट प्लांट की बात हो या फिर आधुनिक बस स्टैंड बनाने की बात हो तो इनके बारे पहले 6 महीने में कोई विचार-विमर्श भी नहीं किया गया। यदि देखा जाए तो यह बड़े प्रोजैक्ट हैं, जिन पर ध्यान दिए बिना शहर के विकास बारे सोचा भी नहीं जा सकता है।