को-ऑप्रेटिव बैंकों को किसानों की सूची तैयार करने के आदेश,माफ होगा इतने लाख तक का कर्ज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 08:07 AM

order for co operative banks to prepare list of farmers

कैप्टन सरकार ने सत्ता में आने के बाद किसानों की कर्ज माफी की घोषणा को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है, जिसके तहत किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जाएगा। आज डी.सी. कमलदीप सिंह संघा ने समूह प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सैंट्रल को-ऑपे्रटिव...

अमृतसर (नीरज): कैप्टन सरकार ने सत्ता में आने के बाद किसानों की कर्ज माफी की घोषणा को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है, जिसके तहत किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जाएगा। आज डी.सी. कमलदीप सिंह संघा ने समूह प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सैंट्रल को-ऑप्रेटिव बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक कर उनको उन किसानों की सूची तैयार करने के आदेश जारी कर दिए हैं, जिन पर को-ऑपे्रटिव बैंकों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज है। डी.सी. ने बताया कि पंजाब सरकार ने छोटे व मध्यमवर्गीय किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का नोटीफिकेशन जारी कर दिया है।

जिन किसानों पर खेतीबाड़ी का कर्ज होगा और वे 2.5 एकड़ से लेकर 5 एकड़ तक जमीन के मालिक होंगे उनका कर्ज माफ किया जाएगा। कर्ज माफी के लिए को-ऑपे्रटिव बैंकों को पहल दी जाएगी और इसके बाद पब्लिक व व्यापारिक सैक्टर के बैंकों का कर्ज माफ किया जाएगा। डी.सी. ने अधिकारियों को बताया कि 31 मार्च 2017 तक जिन किसानों पर 2 लाख रुपए का कर्ज है, वही कर्ज माफी की श्रेणी में आते हैं। डी.सी. ने एस.डी.एम., को-ऑपे्रटिव बैंक अधिकारियों व एल.डी.एम. को आदेश जारी किए हैं कि वे अपने अपने इलाकों में कर्जाई किसानों की सूची तैयार करें ताकि कर्ज माफी का काम शुरु किया जा सके।

जिले की सभी शाखाओं में बनाई गई सूची में 30 हजार किसान    
कर्ज माफी के मामले में पता चला है कि अमृतसर जिले के किसानों पर अकेले को-ऑपे्रटिव बैंकों का ही 180 करोड़ का कर्ज है। जिला मैनेजर सैंट्रल को-ऑपे्रटिव बैंक हरजिन्द्र सिंह संधू ने बताया कि बैंक की तरफ से जिले की सभी शाखाओं में बनाई गई पहली सूची में 30 हजार किसान शामिल हैं जिन पर 180 करोड़ के लगभग का कर्ज है। इस सूची में राशि दर्ज राशि कम या ज्यादा भी हो सकती है क्योंकि अभी इसका ऑडिट भी किया जाना है। को-ऑपे्रटिव बैंक में उन किसानों ने कर्ज लिया है, जिन्होंने खेतीबाड़ी उपकरण, खाद, कीटनाशक दवाइयां व अन्य सामान खरीदने के लिए बैंक से कर्ज लिया था।

पंजाब सरकार की तरफ से जारी नोटीफिकेशन में सिर्फ उन किसानों का ही कर्ज माफ किया जाएगा, जिन्होंने खेतीबाड़ी करने के लिए कर्ज लिया है, इसके अलावा किसी अन्य कैटागरी में कर्ज माफी का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने बताया कि बैंक की सभी शाखाओं के मैनेजरों को सही ढंग से सूची तैयार करने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं और इस काम में किसी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पंजाब में को-ऑपे्रटिव बैंकों में 4 हजार करोड़ का कर्ज
पंजाब सरकार की तरफ से कर्ज माफी संबंधी जारी किए गए नोटीफिकेशन के तहत सैंट्रल को-ऑपे्रटिव बैंकों की बात करें तो पता चलता है कि अकेले को-ऑप्रेटिव बैंकों में ही किसानों का 4 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बनता है जिसको माफ करना सरकार के लिए भी आसान नहीं होगा। इसमें खास बात यह सामने आ रही है कि किसानों ने सिर्फ खेतीबाड़ी के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य घरेलू कामों के लिए भी कर्ज ले रखे हैं और कर्ज के दबाव में आकर आत्महत्याएं कर रहे हैं। आए दिन किसी न किसी जिले में किसान के आत्महत्या करने का मामला सामने आ जाता है जो बहुत ही ङ्क्षचता का विषय है। किसान संगठनों की तरफ से लंबे समय से मांग की जा रही है कि उनको फसलों का उचित मूल्य नहीं दिया जा रहा है।

किसानों को उनकी फसलों का भुगतान सीधा किसान के बैंक खाते में नहीं किया जा रहा है, बल्कि आढ़तियों के खातों में किया जा रहा है। स्वामी नाथन आयोग की तरफ से जो केन्द्र सरकार को किसानों संबंधी जो सिफारिशें की गई थीं, उनको भी सरकार लागू नहीं कर रही है। फसलों का लागत मूल्य तक किसानों को नहीं दिया जा रहा है।

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