Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 01:15 AM
जम्मू-कश्मीर में विगत कई माह से बदतर होते हालात तथा अलगाववादियों.....
अमृतसर(कक्कड़): जम्मू-कश्मीर में विगत कई माह से बदतर होते हालात तथा अलगाववादियों की ओर से पत्थरबाजी की घटनाओं, आतंकियों से निबटने हेतु सेना द्वारा छेड़े गए ‘ऑपरेशन ऑल आऊट’ के अंतर्गत कश्मीर घाटी में छुपे आतंकवादी अपने ठिकाने बदलने को विवश हो चुके हैं। पता चला है कि इस ऑपरेशन को सफल करने हेतु केवल दक्षिण कश्मीर में ही 2,000 से ज्यादा अतिरिक्त जवानों को सक्रिय किया गया है और इस आप्रेशन के तहत वांटेड आतंकवादियों की जो सूची बनाई गई है उसमें लगभग लश्कर के 135, हिज्ब के 95, जैश-ए-मोहम्मद और अल-बदर के 22 आतंकवादी शामिल है।
यह भी पता चला है कि इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के 13 जिलों में लगभग 128 स्थानीय आतंकवादी सक्रिय हैं और 125 विदेशी जो कि खासकर पाकिस्तान के अनेक आतंकी संगठनों के साथ संबंध रखते हैं तथा उनके आदेश पर ही वे आतंकी घटनाओं को अंजाम देते हैं। इस संख्या के अंतर्गत सबसे ज्यादा 38 आतंकवादी सोपोर में हैं जिनमें से 23 विदेशी हैं। कुपवाड़ा में 35 आतंकवादी सक्रिय हैं जिनमें से 30 विदेशी हैं। हंदवाड़ा में 26 विदेशियों सहित 30, शोपियां में 25, कुलगाम, पुलवामा और अंवतीपुरा में 25-25 आतंकी हैं, इनमें से 10 विदेशी हैं। बारामूला में 6 विदेशियों सहित 10, श्रीनगर में 5 विदेशियों सहित 9 और बडग़ाम में 4 आतंकी सक्रिय हैं।
जानकारी के अनुसार हिज्ब सरगना सैयद सलाहुद्दीन बडग़ाम जिले में पैदा हुआ था, उसने कश्मीर विश्वविद्यालय से शिक्षा ली। वर्ष 1987 में उसने अपने मूल नाम यूसुफ शाह से मुस्लिम युनाइटिड फ्रंट की टिकट पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गया। इसके बाद उसने आतंक का रास्ता चुन लिया और मुजफ्फराबाद पहुंच गया। यूसुफ शाह अपना नाम बदल कर 5 नवम्बर 1990 को सैयद सलाहुदीन बन गया। 2012 में उसने यह कहकर पाकिस्तान की किरकिरी की थी कि कश्मीर में जंग के लिए उसके संगठन को पाक का समर्थन हासिल है।
वह यह भी धमकी दे चुका है कि यदि पाक ने उसका साथ नहीं दिया तो हिज्ब के आतंकी वहां भी जंग छेड़ देंगे। साफ है कि उसकी पीठ पर पाकिस्तानी फौज का हाथ है यही वजह है कि पाक की राजधानी इस्लामाबाद में उसके कुछ खास गुप्त ठिकाने हैं। हाल ही में सलाहुद्दीन ने पाक सेना के जनरल कमर अहमद बाजवा को भी संदेश भेजा है जिसमें लिखा है कि पी.ओ.जे.के. में सक्रिय आतंकवादियों की मदद बढ़ाई जाए।