Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jun, 2017 10:46 AM
शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की कोर कमेटियों की संयुक्त बैठक सॢकट हाऊस में हुई। बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल व भाजपा के पंजाब प्रधान विजय सांपला ने संयुक्त रूप में कहा कि ....
जालंधर(बुलंद): शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की कोर कमेटियों की संयुक्त बैठक सॢकट हाऊस में हुई। बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल व भाजपा के पंजाब प्रधान विजय सांपला ने संयुक्त रूप में कहा कि कांग्रेस को अढ़ाई महीने सरकार बनाए हुए हैं और पंजाब के जो हालात बन गए हैं उससे उसका असली चेहरा सामने आ गया है।
सुखबीर ने कहा कि रेत खदानों के अरबों रुपए के घोटाले में कांग्रेस के एक मंत्री राणा गुरजीत सहित 10-12 विधायक भी शामिल हैं। कैप्टन ने बड़े हास्यास्पद तरीके से जस्टिस नारंग को इस मामले की जांच सौंप दी है। जस्टिस नारंग और राणा गुरजीत दोनों के पारिवारिक संबंध हैं। दोनों की काल डिटेल चैक की जाए तो सामने आएगा कि दोनों अक्सर इक_े ही लंच और डिनर करते हैं। इतना ही नहीं जस्टिस नारंग को इस केस की जांच भी राणा के कहने पर ही दी गई है। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा गठजोड़ सिरे से इस जांच कमीशन को रिजैक्ट करता है और अगर कैप्टन सच्चे हैं तो इस घोटाले की जांच सी.बी.आई., हाईकोर्ट के सिटिंग जज या ई.डी. से करवाएं। इस मामले में राणा पर तुरंत केस दर्ज किया जाए और उसका मंत्रीपद से इस्तीफा लिया जाए। उन्होंने कहा कि खदानों की नीलामी में भारी घपले हुए हैं।
17 खदानों के लिए सिंगल बिड ली गई जोकि पंजाब के साथ धोखा है। सुखबीर ने कहा कि शिअद-भाजपा कांग्रेस की इस घपलेबाजी को बड़े स्तर पर संसद में भी उठाएंगे और जनता के बीच भी। इसी के तहत 9 जून को राज्य की जिला स्तरीय इकाइयों की तरफ से डिप्टी कमिश्नर कार्यालयों के आगे रोष प्रदर्शन किए जाएंगे व 11 जून को शिअद-भाजपा के सारे विधायक व सांसद गवर्नर पंजाब को मांग पत्र देकर रेत खनन घपले की सी.बी.आई. जांच करवाने की मांग करेंगे।
सुखबीर ने कहा कि कैप्टन अमरेद्र सिंह ने किसानों के साथ भी धोखा किया है क्योंकि सरकार बनाने के लिए पंजाब के किसानों का कर्जा माफ करने का वायदा किया था पर जिसे कैप्टन पूरा नहीं कर रहे। किसान रोजाना खुदकुशियां कर रहे हैं।
कैप्टन सैक्शन 67-ए के नाम पर बहानेबाजी कर रहे हैं जबकि पंजाब रैवेन्यू एक्ट 1887 के तहत आक्शन हुई जमीनों की रिकवरी के लिए असल में सैक्शन 66/75 का इस्तेमाल किया जाता था। उन्होंने कहा कि मैं पंजाब के किसानों से अपील करता हूं कि किसी भी हाल में कर्जे न दें क्योंकि ये कर्जे पंजाब सरकार ने अदा करने हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लीडर दलितों के साथ घटिया व्यवहार कर रहे हैं। दलितों को मारा जा रहा है। उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर कांग्रेसी नेता गंदे कमैंट कर रहे हैं। अकाली-भाजपा दलितों के साथ हो रहे धक्के के खिलाफ हर लड़ाई लड़ेगी। उनके खिलाफ झूठे केस दायर नहीं होने देंगे और नैशनल एस.सी. कमीशन व हाईकोर्ट में दलितों की मदद के लिए हर केस को उठाएंगे। बादल ने कहा कि जब से पंजाब में कांग्रेस सरकार बनी है बेअदबियों के केस बढ़े हैं। पंजाब सरकार इन्हें रोकने में पूरी तरह से विफल रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में जब ऐसा केस सामने आता था तो कांग्रेस पार्टी और इसके नकली जत्थेदार हम पर आरोप लगाते थे कि हम इन केसों में शामिल हैं पर अब वह चुप हैं क्योंकि वह सभी तब भी कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे थे और आज भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब कैप्टन कह रहे हैं कि ये बेअदबियां आई.एस.आई. करवा रही है तो कैप्टन उसे रोक क्यों नहीं पा रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में पंजाब का लॉ एंड आर्डर बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। रोजाना कोई न कोई कत्ल हो रहा है। घरों में बम बनाए जा रहे हैं। कैप्टन आज तक पंजाब का दौरा नहीं कर पाए जबकि प्रकाश सिंह बादल लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनते थे। अब तो यह लगता है कि पंजाब में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है।
केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के तीन साल के शानदार कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए बादल ने कहा कि जिस प्रकार देश में मोदी सरकार ने विकास की गति तेज की हुई है वह प्रशंसनीय है और इसके लिए मोदी बधाई के पात्र हैं।इस मौके सुखदेव सिंह ढींढसा, बलविंद्र सिंह भूंदड़, चरणजीत सिंह अटवाल, निर्मल सिंह काहलों, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बिक्रम सिंह मजीठिया, अजीत सिंह कोहाड़, जनमेजा सिंह सेखों, दलजीत सिंह चीमा, सेवा सिंह सेखवां, उपिंद्र जीत कौर, परमजीत सिंह सिधवां, गुलजार सिंह रणीके, बलदेव सिंह मान, मनजीत सिंह जी.के., अवतार सिंह हित, शरणजीत सिंह ढिल्लों, हरचरण बैंस, हरी सिंह जीरा, मनोरंजन कालिया, गुरचरण सिंह चन्नी, सर्बजीत सिंह मक्कड़, राजबीर शंटी, सुखमिंद्र राजपाल, राजबीर खख, चरणजीत सिंह मक्कड़, सुरजीत सिंह गोल्डी, गुरदेव सिंह भाटिया, रणजीत सिंह राणा व गगनदीप नागी आदि भी मौजूद थे।