Edited By Updated: 17 Jan, 2017 08:38 AM
चुनाव आयोग के निर्देशों पर जिला चुनाव अधिकारी व डी.सी. ने एक महीना पहले ही सभी असला लाइसैंस धारकों को अपने-अपने हथियार जमा करने के आदेश दे दिए थे...
अमृतसर (नीरज): चुनाव आयोग के निर्देशों पर जिला चुनाव अधिकारी व डी.सी. ने एक महीना पहले ही सभी असला लाइसैंस धारकों को अपने-अपने हथियार जमा करने के आदेश दे दिए थे जिसकी अंतिम तिथि 15 जनवरी 2017 थी, लेकिन उक्त आदेश को ठेंगा दिखाते हुए हथियार जमा करने के मामले में देहाती पुलिस सिटी पुलिस से काफी पीछे नजर आ रही है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अभी तक सिर्फ देहाती इलाके के 10645 हथियार ही जमा हुए हैं, जबकि डी.सी. दफ्तर की असला ब्रांच से मिले आंकड़ों के अनुसार 22400 के लगभग असला लाइसैंस हैं, इसमें भी ज्यादातर लोगों ने एक-एक लाइसैंस पर 2 हथियार जैसे रिवाल्वर या फिर दोनाली के अलावा 315 राइफल भी चढ़ाई हुई है। हालांकि देहाती पुलिस असला धारकों के घर-घर जाकर अपील कर रही है कि वे अपने हथियार पुलिस थानों में या फिर गन हाऊस में जमा करवा दें, लेकिन फिर भी असला धारकों का इतनी कम मात्रा में हथियार जमा करवाना कई सवाल खड़े कर रहा है, जबकि देहाती इलाकों में आने वाले हलके जैसे मजीठा हलका, अजनाला हलका व अटारी आदि सबसे संवेदनशील हलकों में जाने जाते हैं और इन्हीं हलकों में चुनावी हिंसा होने के आसार भी ज्यादा हैं।
इसके बावजूद हथियार जमा करने का अनुपात इतना कम होना किस तरफ संकेत दे रहा है, जबकि चुनाव आयोग की तरफ से सभी डिप्टी कमिश्नर व जिला चुनाव अधिकारियों को सख्त आदेश हैं कि हथियार जमा करने का काम पूरी सख्ती के साथ किया जाए और आयोग की तरफ से डिप्टी कमिश्नर से प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट भी मांगी जा रही है। जिला चुनाव अधिकारी की तरफ से सोमवार को आयोग को दी गई रिपोर्ट में भी पूरे जिले में अभी तक 20157 हथियार जमा किए गए हैं।
विपक्षी दल भी करते रहे हैं सत्ताधारियों की शिकायत
असला लाइसैंस बनाने का मामला हो या फिर असला जमा कराने का मामला हो, विपक्षी दल जिसमें कांग्रेस, बसपा व आप सहित अन्य दलों के सदस्य साधारणतय: यह आरोप लगाते रहे हैं कि उनके असला लाइसैंस नहीं बनाए जा रहे हैं और सिर्फ अकालियों या भाजपाइयों के लाइसैंस बनाए जाते हैं। इसी प्रकार से असला लाइसैंस जमा करने के मामले में भी इस प्रकार के आरोप लगते रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव व लोक सभा चुनाव दौरान भी सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत की गई थी, फिलहाल इस बार भी माहौल कुछ ऐसा ही बना हुआ है और देखना यह है कि जिला चुनाव अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं।
कई पुलिस अधिकारियों की होगी आयोग को शिकायत
चुनावों के हालात की बात करें तो अभी तक चुनाव आयोग को कोई बड़ी शिकायत विपक्षी दलों की तरफ से नहीं की गई है, लेकिन आने वाले दिनों में देहाती इलाकों में कुछ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की शिकायतें चुनाव आयोग को किए जाने की पूरी संभावना है, क्योंकि सत्ताधारियों नेकुछ अधिकारियों को विशेष रूप से विधान सभा चुनावों को देखते हुए तैनात किया है। इसकी पहचान की जा रही है, हालांकि आयोग की तरफ से कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं, जिनका अमृतसर में घर था या फिर उनके होम डिस्ट्रिक्ट होने की संभावना थी।
असला जमा करवाने के मामले में प्रशासन की तरफ से सख्त कार्रवाई की जा रही है और इस काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हथियार जमा करने के मामले में पूरी पारदर्शिता अपनाई जा रही है।
बसन्त गर्ग, जिला चुनाव अधिकारी व डिप्टी कमिश्नर अमृतसर
सिटी पुलिस देहाती पुलिस से आगे, 90 प्रतिशत हथियार जमा
पूरे जिले में हथियार जमा करने के मामले पर नजर डाली जाए तो आंकड़ों से पता चलता है कि सिटी पुलिस की तरफ से हथियार जमा करने का लक्ष्य लगभग 90 प्रतिशत पूरा कर लिया है। पुलिस कमिश्नर नागेश्वर राव के अनुसार अमृतसर कमिश्नरेट की तरफ से 12384 हथियारों में से 10694 हथियार जमा कर लिए गए हैं और एक-दो दिन में इस काम में और ज्यादा तेजी लाई जाएगी और सख्ती के साथ पेश आया जाएगा।
हालांकि इस समय जिन लोगों के हथियार जमा नहीं हुए हैं, उनमें सेना व सुरक्षा बलों के अधिकारी या फिर बैंक गार्ड आदि शामिल हैं। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि असला जमा करने का काम 100 प्रतिशत तक पूरा किया जाएगा और इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी जिन लोगों ने असला जमा नहीं करवाया है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय है।