Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 09:56 AM
स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा शहरों में बिल्डिंगों के आनलाइन नक्शे पास करने संबंधी जो योजना शुरू करने का ऐलान किया गया है, उसकी गहराई से जांच करने पर यह बात सामने आई है कि पंजाब और खास करके पटियाला जैसे पुराने शहरों में यह...
पटियाला(राजेश, परमीत) : स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा शहरों में बिल्डिंगों के आनलाइन नक्शे पास करने संबंधी जो योजना शुरू करने का ऐलान किया गया है, उसकी गहराई से जांच करने पर यह बात सामने आई है कि पंजाब और खास करके पटियाला जैसे पुराने शहरों में यह ऐलान सिर्फ हवा-हवाई बन कर रह जाएंगे और जमीनी हकीकत पर यह संभव नहीं होंगे। किसी कालोनी में कोई घर 500 गज का है, कोई 400 गज का, कोई 200 गज का, कोई 100 गज और कोई 75 गज का, ऐसे में आनलाइन नक्शे को पास करने में कई प्रैक्टिकल दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
नए कानून अनुसार नक्शा तैयार करने वाले आर्कीटैक्ट होंगे जिम्मेदार
नए कानून अनुसार सरकारों की तरफ से अप्रूव्ड आर्कीटैक्ट जो नक्शा तैयार करेंगे, उसके अनुसार मकान या दुकान बने, इसकी जिम्मेदारी आर्कीटैक्टों की ही होगी। आर्कीटैक्ट की तरफ से तैयार किया गया जो नक्शा आनलाइन पास किया जाएगा, उसकी पलंथ स्तर, लैंटर के अलावा समूची जिम्मेदारी आर्कीटैक्ट की होगी। जिस तरह नगर निगमों के बिल्डिंग इंस्पैक्टर मौके पर जाकर चैकिंग करते हैं, अब यह काम नक्शा तैयार करने वाले आर्कीटैक्ट को करना पड़ेगा। ऐसे में आर्कीटैक्टों के लिए बड़ी समस्या पैदा होगी और उनको स्टाफ भी भर्ती करना पड़ेगा।
सरकार नया कानून लागू करने से पहले बिल्डिंग बायलाज में संशोधन करे
लंबे समय से नगर निगम में नक्शे बनाने का काम कर रहे गोयल आर्कीटैक्चर के मालिक वरिंद्र गोयल का कहना है कि मौजूदा समय जो बिल्डिंग बायलाज हैं, वह काफी सख्त हैं। जिस व्यक्ति का प्लाट 100 गज का है, यदि उसका नक्शा बिल्डिंग बायलाज के अनुसार पास होगा तो वहां कुछ भी नहीं बन सकता है जबकि मौजूदा समय 100 गज के घरों में 3-3 कमरे बने हुए हैं। बिल्डिंग बायलाज के अनुसार यदि आगे और पीछे जगह छोड़ कर लोग मकान बनाने लग जाएं तो छोटे प्लाटों वाले लोग अपनी जरूरत अनुसार घर ही नहीं बनवा सकेंगे। सरकार को चाहिए कि बिल्डिंग बायलाज बदले जाएं क्योंकि यह बायलाज काफी पुराने हैं।
समय आने पर पता लगेगा सिस्टम सफल होता है या फेल : आहलूवालिया
पटियाला आर्कीटैक्चर एसोसिएशन के सीनियर नेता अमृतपाल सिंह आहलूवालिया का कहना है कि नाजायज बिल्डिंगों को रोकने के लिए और जनता की परेशानी को रोकने के लिए यह कानून काफी अच्छा है परंतु समय आने पर ही पता लगेगा कि यह सिस्टम सफल होता है या फेल।
नगर निगमों और नगर कौंसिलों के अधिकृत नक्शा नवीस कहां जाएंगे?
सरकार की नई पालिसी के अनुसार सिर्फ कौंसिल आफ आर्कीटैक्चर से अप्रूव्ड डिग्री होल्डर आर्कीट्रैक्ट ही नक्शे तैयार कर सकेंगे जबकि मौजूदा समय नगर निगमों और नगर कौंसिलों में सैंकड़ों की संख्या में आई.टी.आई. से ड्राफ्ट्समैन का कोर्स करने वाले और इंजीनियरिंग कालेजों में से सिविल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा या आर्कीट्रैक्ट का डिप्लोमा करने वाले नौजवान यह काम कर रहे हैं। सरकार की नई पालिसी के बाद इनके रोजगार पर सवाल खड़ा हो जाएगा। पटियाला शहर में मौजूदा समय कौंसिल आफ आर्कीटैक्चर से अप्रूव्ड डिग्री होल्डर आर्कीट्रैक्ट लगभग 45 ही हैं।
नक्शा नवीस लेते हैं 2000 से 3000 रुपए
नगर निगम और नगर कौंसिलों में अप्रूव्ड नक्शा नवीस सिंगल स्टोरी घर का नक्शा बनाने का 2000 रुपए और डबल स्टोरी का 3000 रुपए लेते हैं। यदि नया सिस्टम लागू हो जाता है तो नक्शा नवीसों को बिल्डिंग इंस्पैक्टरों का काम भी करना पड़ेगा, जिस कारण उनको घर का निर्माण मुकम्मल होने तक मौके पर जाना पड़ेगा। यदि किसी नक्शा नवीस की तरफ से तैयार नक्शे वाले मकान मालिक ने नक्शे के खिलाफ जाकर मकान बना लिया तो संबंधित नक्शा नवीस का लाइसैंस कैंसल किया जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।