Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Oct, 2017 02:21 PM
नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने रणजीत एवेन्यू कार्यालय के बैठक हाल में वित्तीय संकट एवं विकास कार्यों को लेकर सभी विभागों के प्रमुखों के साथ हंगामी बैठक की।
अमृतसर(रमन): नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने रणजीत एवेन्यू कार्यालय के बैठक हाल में वित्तीय संकट एवं विकास कार्यों को लेकर सभी विभागों के प्रमुखों के साथ हंगामी बैठक की। कमिश्नर अमित कुमार ने जब से निगम में चार्ज संभाला है, तब से वह निगम में पहले 20 दिन तक बाहर बैठकों में व्यस्त रहे, लेकिन अब निगम के हर विभाग की कार्यशैली पर उनकी पैनी नजर है। उन्होंने सभी विभागों के कामों की समीक्षा कर हर विभाग के साथ हर सप्ताह बैठक की।
उन्होंने एक साथ सभी विभागों की हंगामी बैठक की, जिसमें उन्होंने अधिकारियों पर सख्ती दिखाते कहा कि अब काम होगा, किसी पर किसी नेता का कोई प्रैशर नहीं है। बैठक में उन्होंने एम.टी.पी. विभाग को सख्त हिदायतें दीं कि उनके पास काफी शिकायतें आती हैं, जिन पर ध्यान दिया जाए। कोई भी अवैध इमारत न बनने पाए। उन्होंने प्रॉपर्टी टैक्स विभाग को निर्देश दिए कि जो प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करवाते, उन्हें नोटिस जारी किए जाएं एवं होटल व मॉल कि सूचियां उन्हें दी जाएं। ओ. एंड एम. सैल को लेकर उन्होंने कहा कि शहर में गैर-कानूनी वाटर सप्लाई व सीवरेज कनैक्शन पर कार्रवाई की जाए एवं रैवेन्यू पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि वह एक वैबसाइट बनवाने जा रहे हैं, जिसमें कोई भी शहरवासी वहीं से कनैक्शन अप्लाई कर फीस भर सकेगा।
स्ट्रीट लाइट को लेकर उन्होंने कहा कि जितना किसी काम के लिए फाइल सैंक्शन करवाते हो उतना उस प्रोजैक्ट में लगा हुआ दिखना चाहिए, वह किसी भी समय सप्ताह में कहीं पर भी अचानक निरीक्षण करेंगे। आवास योजना को लेकर उन्होंने एम.टी.पी. को निर्देश दिए कि वह अब जल्द से जल्द आए हुए आवेदनों की वैरीफिकेशन करवाएं।
50 यूनीपोल लग सकते हैं शहर में
कमिश्नर ने निगम को वित्तीय संकट से उबारने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। उन्होंने विज्ञापन विभाग के सुपरिंटैंडैंट से कहा कि एडवर्टाइजमैंट के लिए बेहतर क्या हो सकता है, जिस पर सुपरिंटैंडैंट ने कहा कि 50 और नए यूनिपोल लग सकते हैं, इसमें निगम का कोई खर्चा भी नहीं आएगा। इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें जल्द ही साइट दिखाई जाएं।
क्यों नहीं मिल रही सेवा केन्द्रों में जमा होने वाली फीस
बैठक में सेवा केन्द्रों में जमा होने वाली जन्म-मृत्यु सर्टीफिकेट फीस निगम के गल्ले में क्यों नहीं आ रही है। इसको लेकर लोकल रजिस्ट्रार ने कहा कि जब निगम में सर्टीफिकेट अप्लाई होते थे तो फीस निगम ही लेता था, लेकिन जब से सेवा केन्द्रों में यह सुविधा चली गई है तो वे ही ले रहे हैं बल्कि सर्टीफिकेट निगम बना रहा है। इससे निगम कमिश्नर ने कहा कि बुधवार को सेवा केन्द्र के अधिकारी को बुलाया जाए, ताकि इसके बारे में चर्चा हो सके। उन्होंने कहा कि यह फीस निगम के गल्ले में आनी चाहिए।
10 करोड़ की परफार्मैंस ग्रांट पर रहेगी निगम की नजर
केन्द्र सरकार हर निगम को 10 करोड़ रुपए परफार्मैंस ग्रांट उसकी कार्यप्रणाली को देखकर दी जाएगी, जिसमें उसे कामों के नंबर दिए जाएंगे। इसको लेकर डी.एफ.एस.ए. मनू शर्मा ने बैठक में सभी अधिकारियों को बताया कि यह 10 करोड़ रुपए उनकी मेहनत से ही आ पाएगा। उन्होंने कहा कि ऑडिट ऑफ हाऊस, निगम अपने स्रोतों से सारा वेतन दें। बिजली खर्च आदि व विकास पर कितना खर्च कर रहे हैं, ओ. एंड एम. सैल की भी इसमें अहम भूमिका है। हर शहरवासी को पानी की सप्लाई पहुंचनी चाहिए।
सॉलिड वेस्ट आदि भी इसमें आते हैं। इस पर कमिश्नर अमित कुमार ने कहा कि किसी को इन बातों के बारे में कुछ पूछना है तो बताए, सभी के सहयोग से ही हम ये कर सकते हैं। उन्होंने रिकवरी को लेकर सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि उन्होंने एक माह तक निगम की सारी कार्यप्रणाली को देखा है और अब काम करने का समय है, जिससे सभी उस पर खरा उतरेंगे। उन्होंने काम को लेकर सख्ती से कहा किसी भी काम में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।