Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 08:17 AM
परिवहन विभाग के अंदर बतौर बूट आप्रेटर काम कर रही एक निजी कम्पनी स्मार्ट चिप के पास काम करने वाला एक कर्मचारी, जो कहने को तो हर महीने केवल 8-9 हजार रुपए सैलरी ले रहा है, मगर उसका दबदबा इतना अधिक है कि उसका एक सीट से दूसरी सीट पर तबादला करने तक को...
जालंधर (अमित): परिवहन विभाग के अंदर बतौर बूट आप्रेटर काम कर रही एक निजी कम्पनी स्मार्ट चिप के पास काम करने वाला एक कर्मचारी, जो कहने को तो हर महीने केवल 8-9 हजार रुपए सैलरी ले रहा है, मगर उसका दबदबा इतना अधिक है कि उसका एक सीट से दूसरी सीट पर तबादला करने तक को अधिकारियों को डर लग रहा है।
आर.टी.ए. दफ्तर के सूत्रों की मानें तो पिछले लंबे समय से विवादों से घिरे रहने वाले उक्त कर्मचारी की सैटिंग इतनी तगड़ी है कि उसे हिलाना किसी जंग जीतने के समान हो चुका है। उक्त कर्मचारी अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों को साफ कहता है कि किसी भी सरकारी अधिकारी या निजी कंपनी के पास उसको हिलाने की हिम्मत नहीं है। उसने बेखौफ तरीके से अपने अधिकारियों को इस बात की धमकी तक दे दी है कि अगर उसे कुछ होता है या उसके खिलाफ कोई कारवाई की जाती है तो बाकियों की खैर नहीं, क्योंकि वह नीचे से लेकर ऊपर तक सभी के कच्चे-चिट्ठे खोलकर रख देगा।
उक्त कर्मचारी की धमकी का असर इस कदर देखने को मिला कि कुछ दिन पहले सैक्रेटरी आर.टी.ए. द्वारा इसका तबादला करने के लिए चंडीगढ़ से विशेष तौर पर बुलाए गए एक अधिकारी ने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि वह चंडीगढ़ जाकर इस बारे में सोचकर बताएगा। अंदर की बात यही है कि उक्त कर्मचारी को लेकर विभाग के अंदर घमासान मचा हुआ है, क्योंकि उक्त कर्मचारी की वजह से पूरे विभाग की पहले ही काफी किरकिरी हो चुकी है। उसकी जगह अन्य कर्मचारियों का तबादला किए जाने से स्टाफ के बीच भी अधिकारियों की साख को गहरा धक्का लगा है।
दबी जुबान में स्टाफ का कहना है कि केवल दुनिया को दिखाने के लिए ट्रैक इंचार्ज के साथ दो कर्मचारियों के तबादले कर दिए गए, जबकि तबादला तो उक्त कर्मचारी का किया जाना बनता था। वे तो अकारण ही बलि चढ़ा दिए गए। कुछ दिन पहले नए इंचार्ज के साथ भी उक्त कर्मचारी की खूब खटक चुकी है। जानकारी के अनुसार कम्प्यूटर सिस्टम को एक जगह से दूसरी जगह पर शिफ्ट करने को कहे जाने पर उक्त कर्मचारी ने इंचार्ज के साथ बुरा बर्ताव करते हुए कहा था कि चाहे कुछ भी कर लो वह अपने कम्प्यूटर सिस्टम को किसी को हाथ तक नहीं लगाने देगा। इसके बाद नए इंचार्ज ने भी चुप्पी साधने में ही बेहतरी समझी। इस बात की भी बड़ी चर्चा है कि विजीलैंस विभाग के हाथ काफी कडिय़ां लग चुकी हैं जिसके बाद आने वाले दिनों में आर.टी.ए. दफ्तर के अंदर कई बड़े धमाके होने की संभावना जताई जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ एजैंट भी विजीलैंस विभाग की मदद करने जा रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि स्टाफ की बड़े एजैंटों के साथ तो सांठ-गांठ है, जिसके चलते उनके सारे काम बड़े आराम से हो जाते हैं। मगर जब वे अपने छोटे-मोटे काम लेकर जाते हैं तो उनसे विजीलैंस का वास्ता देकर काम करने से मना किया जा रहा है, इसलिए उन्होंने विजीलैंस की शरण में जाने की सोची है। इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में आर.टी.ए. दफ्तर के अंदर कुछ भी बड़ा देखने को मिल सकता है।