Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Aug, 2017 11:33 AM
पंजाब सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून और उसके उलट जिला प्रशासन के जवाब से जिले में किराए की बिल्डिंगों में चल रहे 18 सरकारी दफ्तरों
नवांशहर(मनोरंजन): पंजाब सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून और उसके उलट जिला प्रशासन के जवाब से जिले में किराए की बिल्डिंगों में चल रहे 18 सरकारी दफ्तरों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। या तो इन दफ्तरों के लिए सरकार को कानून बदलकर किराया जारी करना पड़ेगा या फिर दफ्तर प्रमुख को अपनी जेब से किराया भरना पड़ेगा, क्योंकि प्रदेश सरकार ने एक जुलाई से किराए की बिल्डिंग में चल रहे किसी भी सरकारी दफ्तर का किराया सरकारी खजाने से नहीं भरने का फैसला किया है। उधर, जिला प्रशासन ने दो टूक कहा है कि प्राइवेट बिल्डिंगों में चल रहे इन दफ्तरों को अपने स्तर पर सरकारी बिल्डिंगों में कमरे ढूंढने होंगे।
अधिकारी बोले, नहीं मिल रहे सरकारी इमारतों में कमरे
इस आदेश को लेकर जी.ए. टू डी.सी. अनमजोत कौर ने उक्त 18 विभागों के अधिकारियों से बैठक करके दफ्तरों के शिफ्ट न होने का कारण पूछा तो अधिकारियों ने कहा कि उन्हें कहीं भी सरकारी इमारतों में दफ्तर के लिए कमरे नहीं मिल रहे। उनका कहना है कि मिनी सचिवालय भी अभी तैयार न होने के कारण उन्हें काफी दिक्कत आ रही है। उन्होंने अपने विभागों के उच्चाधिकारियों को इस संबंध में जानकारी देते हुए वित्त विभाग से बात करने को भी कहा है। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने एक जुलाई से पहले प्राइवेट बिल्डिंगों में चलने वाले दफ्तरों को सरकारी जगह पर शिफ्ट करने के आदेश जारी किए थे लेकिन अभी भी जिले में 18 दफ्तर प्राइवेट इमारतों में चल रहे हैं जिनके संबंध में सरकार द्वारा दोबारा आदेश भी जारी किए जा चुके हैं।
ये हैं प्राइवेट बिल्डिंगों में चल रहे दफ्तर
जिले के प्राइवेट इमारतों में चलने वाले सरकारी दफ्तरों में जिला प्रोग्राम दफ्तर, लोक निर्माण विभाग, जिला रक्षा सेवा भलाई, जिला उद्योग-कम-माइङ्क्षनग, डेयरी विकास विभाग, जिला खुराक एवं सप्लाई, मंडल भूमि रक्षा दफ्तर, सहायक डायरैक्टर युवा सेवाएं, ट्यूबवैल कार्पोरेशन, आबकारी व कराधान विभाग, जिला रोजगार दफ्तर, सब-रजिस्ट्रार, बागवानी दफ्तर, लेबर कमिश्नर, जिला भाषा विभाग, वाटर सप्लाई एवं सैनीटेशन दफ्तर शामिल हैं।