Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Oct, 2017 02:47 PM
जिले में डेंगू और टायफाइड का प्रकोप जारी है। फिरोजपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या 348 तो फाजिल्का में 89 पहुंच चुकी है। इस समय स्थानीय सिविल अस्पताल में डेंगू से पीड़ित करीब 15 मरीज दाखिल हैं, जबकि बहुत से लोगों ने अपने मरीजों को लुधियाना आदि बड़े...
फिरोजपुर(कुमार): जिले में डेंगू और टायफाइड का प्रकोप जारी है। फिरोजपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या 348 तो फाजिल्का में 89 पहुंच चुकी है। इस समय स्थानीय सिविल अस्पताल में डेंगू से पीड़ित करीब 15 मरीज दाखिल हैं, जबकि बहुत से लोगों ने अपने मरीजों को लुधियाना आदि बड़े शहरों में दाखिल करवाया हुआ है। जिले के प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू के बहुत से मरीज दाखिल हैं। बढ़ते डेंगू और टायफाइड के कारण लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ बड़े-बड़े अधिकारी भी बीमार पड़े हैं।
सीमोन की मौत के बाद बढ़ी दहशत
गैर-सरकारी सूत्रों के अनुसार एक सीमोन नामक बच्ची की डेंगू के कारण फरीदकोट के मैडीकल अस्पताल में गत दिवस मौत हो गई थी, जिसके कारण डेंगू को लेकर लोगों में दहशत और बढ़ गई है। सीमोन के पारिवारिक सदस्यों का मानना है कि डेंगू से पीड़ित होने के कारण उसका इलाज गुरुहरसहाय के सरकारी अस्पताल में चल रहा था जिसे बाद में फरीदकोट मैडीकल कालेज व अस्पताल में दाखिल करवा दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
नगर कौंसिल ने काटे 67 लोगों के चालान
दूसरी ओर नगर कौंसिल फिरोजपुर के कार्यकारी अधिकारी परमिंद्र सिंह सुखीजा और सैनेटरी इंस्पैक्टर सुखपाल सिंह ने बताया कि जिले में डेंगू को खत्म करने के लिए शहर छावनी आदि एरिया में बराबर फॉङ्क्षगग करवाई जा रही है और नगर कौंसिल व स्वास्थ्य विभाग सिटी में अलग-अलग एरिया में जाकर डेंगू का लारवा चैक कर रहा है। उन्होंने बताया कि 67 लोगों के अब तक चालान काटे जा चुके हैं और उन्हें जुर्माने किए जा रहे हैं। लोग अपने घरों, दफ्तरों व आसपास के एरिया में सफाई रखने के साथ-साथ घरों, दफ्तरों, दुकानों व फैक्टरियों आदि में रखे गमलों, कूलरों, फ्रिजों के ट्रे और पक्षियों के पीने के लिए रखे गए पानी के पोट की लगातार सफाई करें। उन्होंने कहा कि लोग अपने गमलों और कूलरों आदि में सफाई न करके डेंगू का लारवा पाल रहे हैं। उन्होंने लोगों को जागृत होने और खुद का व दूसरों का भला करने की अपील की।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डाक्टर गुरमिंद्र सिंह ने बताया कि यह डेंगू का सस्पैक्टिड केस है और इसकी फाइल हमने फरीदकोट मैडीकल अस्पताल से मंगवाई है, जिसकी जांच करने के उपरांत हम सरकारी तौर पर घोषणा करेंगे कि सीमोन की मौत डेंगू से हुई है या उसका कोई और कारण है।
मरीजों के इलाज के लिए उचित इंतजाम
डा. गुरमिंद्र सिंह ने बताया कि इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है और जिले में डेंगू से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए उचित इंतजाम किए हुए हैं। उन्होंने कहा इसमें लोगों को जागृत होने और अपने घरों, दफ्तरों व आसपास सफाई रखने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि हम फिरोजपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में डेंगू का लारवा चैक कर रहे हैं।