Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 01:42 PM
बहुचर्चित मामले में थाना सिविल लाइंस पुलिस ने एन.आर.आई. से जालसाजी करके उसका मकान अपनी पत्नी के नाम पर करवाने के आरोप में परमजीत सिंह चावला व उसकी पत्नी इन्द्रजीत कौर निवासी जनता कालोनी, नजदीक ग्रीन एवेन्यू सी-ब्लाक के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज...
अमृतसर(जशन): बहुचर्चित मामले में थाना सिविल लाइंस पुलिस ने एन.आर.आई. से जालसाजी करके उसका मकान अपनी पत्नी के नाम पर करवाने के आरोप में परमजीत सिंह चावला व उसकी पत्नी इन्द्रजीत कौर निवासी जनता कालोनी, नजदीक ग्रीन एवेन्यू सी-ब्लाक के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यह सारा मामला परमजीत सिंह की माता गुरदीप कौर पत्नी ज्ञान सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ है।
गौरतलब है कि शिकायतकर्ता एन.आर.आई. सीनियर सिटीजन महिला है और वह तथा उसकी पुत्री विगत लंबे समय से इंसाफ के लिए कई थानों के चक्कर काट रही थीं। 3 माह के लगभग चली जांच के बाद थाना सिविल लाइंस ने पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तव के आदेश पर इन्द्रजीत कौर व उसके पति परमजीत सिंह के विरुद्ध आई.पी.सी. की धारा 420, 120-बी केतहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार परमजीत सिंह को उसके पिता ज्ञान सिंह चावला (एन.आर.आई. व सीनियर सिटीजन) ने विदेश जाने से पहले 1988 वर्ष में 93-एच जनता कालोनी का उक्त मकान अपने नाम पर करवाने के लिए एक पावर आफ अटार्नी दी थी।
परमजीत सिंह ने उक्त मकान अपने पिता ज्ञान सिंह के नाम तो करवा दिया परंतु वर्ष 2014 में परमजीत सिंह ने उक्त पावर आफ अटार्नी का दुरुपयोग करते हुए उक्त मकान की रजिस्ट्री अपनी पत्नी इन्द्रजीत कौर के नाम पर कर दी। इस दौरान 3 महीने चली जांच में थाना सिविल लाइन की पुलिस तथा डी.ए. लीगल शुबेग सिंह ने मामला जालसाजी का पाया व इसकी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तव को दी। पुलिस कमिश्नर ने भी इस सारे मामले को गंभीरता से लेते हुए उक्त पति-पत्नी के विरुद्ध मामला दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए।
परमजीत सिंह तथा उसकी पत्नी इन्द्रजीत कौर पर सीनियर सिटीजन महिला व उसकी पुत्री को परेशान करने के भी आरोप लगे हैं, जिस पर अभी जांच लंबित है। इस संदर्भ में परमजीत सिंह के विरुद्ध रणजीत एवेन्यू थाने में भी भा.दं.सं. की धारा 107-50 का मामला दर्ज हो चुका है।
आरोपियों की धर-पकड़ के लिए छापामारी शुरू : एस.एच.ओ.
थाना सिविल लाइंस के एस.एच.ओ. शिवदर्शन सिंह ने कहा कि इस जांच के दौरान जालसाजी के कुछ सबूत सामने आए थे। इस संदर्भ में उन्होंने परमजीत सिंह व अन्य कईयों के बयान लिए थे। इसके बाद पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तव के आदेश पर यह मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों की धर-पकड़ के लिए छापामारी शुरू कर दी है।