NRI ब्रदर्स ने अयाली कलां स्कूल में कमरे के निर्माण के लिए दिए 1.5 लाख

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 12:30 PM

nri brothers come to aid of govt girl s school in village

महानगर में लड़कियों के सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की ओर राज्य सरकार की बेरुखी देशभर में चल रहे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को फीका साबित कर रही है। पंजाब सरकार की इस बेरुखी को देख विदेश में बसे पंजाबियों ने कदम आगे बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।...

लुधियाना(विक्की) : महानगर में लड़कियों के सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की ओर राज्य सरकार की बेरुखी देशभर में चल रहे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को फीका साबित कर रही है। पंजाब सरकार की इस बेरुखी को देख विदेश में बसे पंजाबियों ने कदम आगे बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। एन.आर.आई. सरकार से बिना कोई उम्मीद लगाए अपने गांवों के स्कूलों के उत्थान के लिए पैसा खर्च कर रहे हैं। अयाली कलां गांव के दो एन.आर.आई. भाई अमरजीत सिंह व दलजीत सिंह इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।अमरीका के कैलीफोर्नियां में रह रहे इन दोनों भाइयों को जब अपने गांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल अयाली कलां में बच्चों के जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने की जानकारी मिली तो इन्होंने स्कूल में कमरे के निर्माण हेतु 1.5 लाख रुपए की राशि देकर आधुनिक कमरा बनवाने का कार्य शुरू करवाया।


पंजाब केसरी ने प्रकाशित की थी खबर
पंजाब केसरी ने उक्त स्कूल की हालत संबंधी शनिवार को प्रमुखता से खबर भी प्रकाशित की थी। स्कूल में कमरों की कमी के चलते जहां स्कूल की एक कक्षा उधार के कमरे में चल रही है, वहीं प्री-प्राइमरी कक्षाओं के नौनिहाल जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं।


आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा क्लास रूम
कैलीफोर्निया से अपने गांव आए एन.आर.आई. भाइयों 62 वर्षीय अमरजीत सिंह व 60 वर्षीय दलजीत सिंह ने स्कूल में कमरे के निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपए की राशि प्रदान की। यही नहीं इन्होंने स्कूल इंचार्ज को कहा कि आधुनिक सुविधाओं से लैस इस कमरे के निर्माण पर जितनी भी लागत आएगी, वे अपनी जेब से व्यय करेंगे। बता दें कि उक्त दोनों भाई कैलीफोर्निया में ट्रांसपोर्ट का बिजनैस करते हैं। दलजीत सिंह के 29 वर्षीय बेटे मनप्रीत के पिछले दिनों अमरीका में हुए देहांत के बाद अयाली कलां में रखे गए श्री अखंड पाठ साहिब के भोग के लिए गांव आए दोनों भाइयों ने कहा कि स्व. मनप्रीत की याद में उक्त कमरे का निर्माण करवाने हेतु यह राशि सौंपी गई है। पिछले दिनों जब वे स्कूल आए थे तो उन्होंने देखा कि बच्चे जमीन पर बैठकर कक्षाओं के बाहर पढ़ाई कर रहे हैं, जिस पर उन्होंने स्कूल में कमरा बनवाकर देने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि वे कैलीफोर्निया वापस पहुंचकर वहां रह रहे प्रवासी पंजाबियों को अपने गांवों के सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए अधिक से अधिक डोनेशन देने हेतु प्रोत्साहित करेंगे।

कैलीफोर्निया के स्कूल कहीं आगे
एन.आर.आई. अमरजीत सिंह ने कहा कि अगर हम कैलीफोर्निया के स्कूलों की बात करें तो वहां की सुविधाएं यहां से कई गुना अधिक हैं। उन्होंने कहा कि वह भी गांव के सरकारी स्कूल में ही पढ़े हैं लेकिन अभी तक सरकारी स्कूलों के सुधार के लिए सरकार ने ठोस कदम उठाने शुरू नहीं किए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देने के साथ-साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध करवाया जाना सरकार की जिम्मेदारी है। अमरीका के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं।

कमरों की कमी कुछ हद तक होगी दूर : हैड टीचर
स्कूल की हैड टीचर इंद्रजीत कौर ने कहा कि कमरों के अभाव में बच्चों को एडजस्ट करना काफी मुश्किल कार्य है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी स्कूल के अध्यापकों ने अपनी जेब से खर्च करके एक कमरे को दो भागों में विभाजित कर एक कक्षा को एडजस्ट किया था। अब स्कूल में एक अन्य कमरे के निर्माण से कमरों की कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी।

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