Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Aug, 2017 04:00 AM
धान की पराली को खेतों में जलाने से रोकने के लिए पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना...
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): धान की पराली को खेतों में जलाने से रोकने के लिए पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना द्वारा विकसित किए गए नई तकनीक से लैस कंबाइनें ही इस बार धान की कटाई कर सकेंगी, जबकि पुरानी तकनीक से धान की कटाई करने वाली कंबाइनों पर पाबंदी होगी। यह जानकारी सहायक कमिश्नर जनरल गोपाल सिंह ने जिले के कंबाइन चालकों से बैठक करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल, दिल्ली हाईकोर्ट व अन्य अदालतों में धान की पराली को जलाने के मुद्दे पर चल रहे विभिन्न केसों के आधार पर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न रिट पटीशन पर दिए आदेशों के आधार पर पंजाब सरकार द्वारा पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना को इस मुद्दे का हल ढूंढने के लिए कहा गया था। पी.ए.यू. विशेषज्ञों द्वारा विकसित की गई तकनीक, जिसे सुपर स्ट्रा मैनेजमैंट सिस्टम का नाम दिया गया है, के साथ लैस मशीनों से काटे गए धान की पराली को खेत में जलाने की नौबत नहीं आती व किसान उसे आसानी से खेत में जोतकर ही अगली फसल की बिजाई कर सकता है। सुपर स्ट्रा मैनेजमैंट सिस्टम तकनीक में पहले ही चल रही कंबाइनों में एक ऐसा यंत्र लगा दिया है जोकि धान की पराली को कुतर कर खेत में बिखेर देता है।
इसी तरह कुतरी गई पराली एक बार जोतने से ही खेत में मिल जाती है और उसके लिए किसान को अधिक खर्च या मेहनत करनी नहीं पड़ती। सरकार ने यह निर्णय धान की पराली व गेहूं के नाड़ को खेतों में जलाने के कारण पैदा हुए प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के कारण लिया है। उन्होंने कहा कि इस बार धान की पराली को आग लगाने की आज्ञा बिल्कुल नहीं दी जाएगी। इस अवसर पर जिला खेतीबाड़ी अधिकारी बलजिंद्र सिंह बराड़, इंजीनियर अभयजीत सिंह धालीवाल आदि उपस्थित थे।