Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Dec, 2017 10:24 AM
पुलिस रिकार्ड में आरोपियों की जाति के कॉलम को हटाए जाने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन इस कॉलम को एफ.आई.आर. से हटाने को लेकर सहमत हो गए हैं। हाईकोर्ट में दायर इस याचिका
पर वीरवार को सुनवाई हुई।
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): पुलिस रिकार्ड में आरोपियों की जाति के कॉलम को हटाए जाने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन इस कॉलम को एफ.आई.आर. से हटाने को लेकर सहमत हो गए हैं। हाईकोर्ट में दायर इस याचिका
पर वीरवार को सुनवाई हुई।
पंजाब सरकार की ओर से आई.जी.पी., एडमिनिस्ट्रेशन, ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टिगेशन नवीन सैन्नी की ओर से लिखित जवाब पेश किया गया जिसमें बताया गया कि पंजाब पुलिस रूल्स व बनाए गए नियमों के तहत फार्म में जाति आदि के कॉलम का वर्तमान में कोई औचित्य नहीं है। ये रूल्स वर्ष 1934 में बनाए गए थे।
हालांकि उन्होंने कहा कि एस.सी./एस.टी. से जुड़े कानून में इनकी अनिवार्यता है। लिखित जवाब में बताया गया कि नैशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो, नई दिल्ली सभी राज्यों से आरोपियों का उनकी जाति समेत ब्यौरा मांगता है। वहीं दूसरी ओर डी.जी.पी. (आई.टी. एंड कम्यूनिकेशन) ने नैशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो को एक लैटर भेजा था जिसमें कहा था कि आरोपियों की जाति बताने के लिए विवश नहीं किया जाना चाहिए। वहीं चंडीगढ़ प्रशासन ने भी केस की सुनवाई के दौरान स्टेटमैंट दी कि पुलिस रूल्स के तहत विभिन्न फार्मों से जाति का कॉलम हटाने के लिए फैसला लिया गया है। हालांकि यू.टी. ने लिखित स्टेटमैंट पेश करने के लिए समय की मांग की है। बता दें कि पिछली सुनवाई पर हरियाणा सरकार ने भी जाति का कॉलम हटाने के लिए विचार करने की बात कही थी। मामले में अगली सुनवाई 15 जनवरी को होगी। एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा ने जाति का कॉलम हटाए जाने को लेकर यह जनहित याचिका दायर की है।