Edited By Updated: 16 Dec, 2016 11:49 AM
फरीदकोट के पूर्व एस.डी.एम. व मौजूदा कार्यकारी मैजिस्ट्रेट व सहायक कमिश्नर शिकायतें वी.
फरीदकोट (हाली): फरीदकोट के पूर्व एस.डी.एम. व मौजूदा कार्यकारी मैजिस्ट्रेट व सहायक कमिश्नर शिकायतें वी.के. सियाल द्वारा सरकारी कार्यों में होती कथित सियासी दखलअंदाजी पर नाखुशी व्यक्त करते हुए अपनी सरकारी नौकरी से समय से पहले सेवामुक्ति लेने के लिए भेजे नोटिस को प्रमुख सचिव पंजाब सरकार ने अपने पत्र नंबर 888305, 8.12.2016 द्वारा रद्द कर दिया है। वर्णनीय है कि वी.के. सियाल ने सेवामुक्ति के लिए भेजे नोटिस में कहा था कि उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों में फालतू सियासी दखलअंदाजी हो रही है, जिस कारण उन्हें काम करने में भारी परेशानी आ रही है।
वी.के. सियाल कोटकपूरा में शहरी विकास योजना के तहत बनी सड़कों में हुई कथित घोटालेबाजी की जांच कर रहे थे व इस जांच की रिपोर्ट को प्रभावित करने के लिए कथित तौर पर 2 सियासी नेता उन पर दबाव डाल रहे थे।इसी के तहत नगर कौंसिल के अधिकारियों ने वी.के. सियाल को वांछित रिकार्ड ही नहीं दिखाया बल्कि डिप्टी कमिश्नर से मिलकर इस अधिकारी को जांच से ही हटा दिया। उनको 2014 में पंजाब सरकार ने फरीदकोट से बदलकर पठानकोट नजदीक धार कस्बे में तैनात कर दिया था परंतु इस बदली पर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। वी.के. सियाल फरीदकोट के जिला ट्रांसपोर्ट अफसर भी रहे हैं, उनके खिलाफ विजीलैंस ने धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार रोकू एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था, जिसे उन्होंने रंजिश का परिणाम बताया था। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में उनको अग्रिम जमानत दी हुई है।
इसके बाद सरकार ने वी.के. सियाल से एस.डी.एम. व डी.टी.ओ. का चार्ज वापस लेकर उसे कार्यकारी मैजिस्ट्रेट-कम-सहायक कमिश्नर शिकायतें लगा दिया। उनकी 3 वर्षों में 12 बार बदली हो चुकी है। इस अधिकारी ने प्रमुख सचिव को भेजे पत्र में लिखा था कि एक सियासी नेता ने भी जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया है। विकास कार्यों में हुए कथित घोटाले की जांच के आदेश पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने दिए थे व उनकी हिदायतों पर ही वी.के. सियाल पूरे मामले की जांच कर रहे थे। सम्पर्क करने पर उन्होंने पुष्टिï की कि समय से पहले सेवामुक्ति के लिए उनके द्वारा भेजा नोटिस सरकार ने नामंजूर कर दिया है।