Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Sep, 2017 01:03 PM
वैश्विक मंदी, नोटबंदी तथा जी.एस.टी. की मार के नीचे आए लघु उद्योगों की निगाहें अब पंजाब सरकार की नई औद्योगिक नीति की तरफ टिकी हुई हैं।
जालंधर (धवन): वैश्विक मंदी, नोटबंदी तथा जी.एस.टी. की मार के नीचे आए लघु उद्योगों की निगाहें अब पंजाब सरकार की नई औद्योगिक नीति की तरफ टिकी हुई हैं। राज्य सरकार द्वारा नई औद्योगिक नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है तथा आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा नई नीति को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी जाएगी। नई नीति के संदर्भ में कई उद्यमियों के साथ बातचीत की गई, जिन्होंने अपने निम्नलिखित विचार प्रकट किए-
होटल उद्योग भी मंदी के साए में : सतीश जैन
होटल उद्योग से जुड़े सतीश जैन ने कहा कि होटल उद्योग भी मंदी के साए में फंसा हुआ है। बाजार में मनी मार्कीट काफी सख्त चल रही है। बाजार में पैसे की कमी के कारण लोग भी होटलों पर खर्चा कम कर रहे हैं, क्योंकि अगर लोगों के पास पैसा होगा तभी वे होटलों में होने वाले समारोहों पर खर्चा करेंगे।
इंस्पैक्टरी राज से मुक्ति जरूरी : संदीप जैन
युवा उद्यमी संदीप जैन ने कहा कि इंडस्ट्री के लिए सबसे बड़ी राहत वाली बात यह होगी कि राज्य सरकार अपनी नई औद्योगिक नीति में उसे इंस्पैक्टरी राज से मुक्ति प्रदान करे, क्योंकि इंस्पैक्टरी राज के कारण इंडस्ट्री का दम घुट रहा है। इंडस्ट्री पर पहले ही जी.एस.टी. की ऊंची दरों का बोझ पड़ चुका है।
उद्योगों को बचाने की जरूरत : सुरेश शर्मा
एच.आर. इंटरनैशनल ग्रुप के डायरैक्टर सुरेश शर्मा ने कहा कि उद्योगों को बचाने की जरूरत है। इस समय उद्योगों के सामने अस्तित्व बचाने का संकट पैदा हो चुका है। नोटबंदी व जी.एस.टी. से त्रस्त उद्योगों को अब राज्य सरकार से उम्मीद है कि वह नई औद्योगिक नीति उद्योग के अनुकूल तैयार करेगी अन्यथा उद्योगों के सामने पहले ही उत्पादों की मांग न होने के कारण संकट पैदा हो चुका है।