Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 05:06 PM
नोटबंदी का एक वर्ष बीतने के बाद भी बैंकों में नकदी नहीं है। आल इंडिया बैंक अफसर कन्फैड्रेशन (ए.आई.बी.ओ.सी.) जो देश भर में 3.20 लाख बैंक अफसरों का प्रतिनिधित्व करता है, की तरफ से बैंकों के लिए उचित मात्रा में नकदी की मांग की गई है। ए.आई.बी.ओ.सी. के...
पटियाला(राजेश, परमीत, जोसन): नोटबंदी का एक वर्ष बीतने के बाद भी बैंकों में नकदी नहीं है। आल इंडिया बैंक अफसर कन्फैड्रेशन (ए.आई.बी.ओ.सी.) जो देश भर में 3.20 लाख बैंक अफसरों का प्रतिनिधित्व करता है, की तरफ से बैंकों के लिए उचित मात्रा में नकदी की मांग की गई है। ए.आई.बी.ओ.सी. के पदाधिकारियों की बैठक में नकदी की कमी की समीक्षा की गई और एक मांग पत्र डिप्टी गवर्नर आर.बी.आई. चंडीगढ़ के नाम सौंप कर जनतक क्षेत्र के बैंकों में उचित मात्रा में नकदी की सप्लाई यकीनी बनाने की प्रार्थना की गई।
कामरेड दीपक शर्मा, डिप्टी महासचिव और कामरेड राजीव सरहंदी सचिव ने कहा कि नोटबंदी के बाद सरकारी बैंकों में हालात यह रहे कि लोगों को बैंक शाखाओं के बाहर लम्बी लाइनें लगानीं पड़ीं। अब फिर नकदी सप्लाई की कमी के कारण अफसरों को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। आम लोग प्रात: ही बैंक शाखाओं के बाहर लाइनों में लग जाते हैं।
बैंक अफसर एसोसिएशन के नेताओं ने बताया कि मालवा क्षेत्र में ही स्टेट बैंक आफ इंडिया के 22 करंसी चैस्ट में 250 शाखाएं और 450 ए.टी.एम्ज के लिए 300 करोड़ रुपए रोजमर्रा के जरूरी हैं जबकि नकदी की कमी के कारण सिर्फ 20 से 30 करोड़ रुपए की पूॢत हो रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में किसानों की तरफ से बैंकों से नकदी की मांग की जा रही है और नकदी की कमी के कारण बैंक स्टाफ को आम लोगों से खतरा महसूस हो रहा है। ए.आई.बी.ओ.सी. जोकि प्रमुख संगठन है, की तरफ से नकदी की कमी के साथ जूझने के लिए आर.बी.आई. से अपील की गई है। यदि उचित मात्रा में नकदी सप्लाई न हुई तो फिर हम रोष प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेंगे।