Edited By Updated: 06 Dec, 2016 04:49 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोटबंदी किए जाने के करीब एक माह बीत जाने के बाद भी लोगों को कैश न मिलने के कारण राहत नहीं मिल रही
अबोहर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोटबंदी किए जाने के करीब एक माह बीत जाने के बाद भी लोगों को कैश न मिलने के कारण राहत नहीं मिल रही, जिस कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी घटनाक्रम के अंतर्गत गांव झुमियांवाली में स्थित ओ.बी.सी. के सुरक्षा गार्ड ने बैंक उपभोक्ता को गोली मार देने की धमकी दे डाली, जिसके आक्रोश में आकर लोगों व पंचायत ने बैंक के बाहर धरना लगा दिया तथा अधिकारियों को बैंक नहीं खोलने दिया। थाना सदर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बैंक कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन देकर धरना उठाया।
क्या है मामला
बैंक के बाहर धरने पर बैठे लोगों को संबोधित कर रहे झुमियांवाली निवासी व गांव में बनी गौशाला के सेवादार नंद किशोर भोभरिया ने बताया कि शनिवार को वह गौशाला के खाते का करीब 19 हजार रुपए की राशि का चैक लगाने के लिए बैंक गया था। इसी दौरान मैनेजर प्रवीण प्रणामी ने उन्हें चैक को कैश करने से मना कर दिया। फिर उसने 10 हजार की राशि भरकर कैश करने को कहा तो कैशियर ने चैक पास कर दिया लेकिन मैनेजर ने उसे भी रिजैक्ट कर दिया। फिर उन्होंने मात्र 6 हजार की राशि का चैक लगाया तो बहुत मिन्नतें करने के बाद मैनेजर ने चैक पास कर नकदी दी। नंद किशोर ने बताया कि इसी दौरान गांव की एक बेटी बैंक से अपनी बहन की सगाई के लिए 2,000 रुपए लेने के लिए गई तो बैंक अधिकारियों ने पैसे देने से मना कर दिया। काफी प्रार्थना करने के बाद अधिकारियों ने लड़की को 2,000 रुपए दिए।
बैंक से धक्के मार निकाला था बाहर
नंद किशोर ने बताया कि बैंक में ही मौजूद सुरक्षा गार्ड अमीर सिंह निवासी अरनीवाला ने उक्त लड़की के पक्ष में प्रार्थना किए जाने से गुस्साकर उससे विवाद शुरू कर दिया और उसे बैंक से धक्के मारकर बाहर निकाला। उसने बताया कि इस बात का विरोध करने पर उक्त सुरक्षा गार्ड ने कहा कि उसे एक खून माफ है और वह उसे गोली मार देगा। उसने बताया कि एक ओर जहां आम लोगों को 2-2 हजार रुपए भी मिन्नतें करके दिए जाते हैं, वहीं उक्त सुरक्षा गार्ड गांव के सरमाएदार लोगों के हजारों रुपए की राशि के चैकों को कुछ रुपए के लालच में मात्र कुछ ही घंटों में कैश करवाकर उन्हें लौटा देता था जिसका वीडियो भी उनके पास है। उसने इस घटना की सारी सूचना पंचायत को दी जिस पर पंचायत ने सोमवार को बैंक अधिकारियों से बात करने की बात कही। सोमवार को जब बैंक खुलने का समय था तो गांववासियों व ग्राम पंचायत सदस्यों ने बैंक के बाहर धरना लगा दिया और बैंक अधिकारियों के मौके पर पहुंचने पर उन्होंने बैंक नहीं खुलने दिया।