Edited By Updated: 06 Dec, 2016 11:56 AM
आयकर विभाग के इन्वैस्टीगेशन विंग ने 8 नवम्बर को केन्द्र सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपए के नोटों को बंद कर देने के बाद अचानक बैंक खातों
जालंधर(धवन): आयकर विभाग के इन्वैस्टीगेशन विंग ने 8 नवम्बर को केन्द्र सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपए के नोटों को बंद कर देने के बाद अचानक बैंक खातों में 1.50 से 2 करोड़ रुपए की राशि रोजाना जमा कराने वाले ज्यूलर्स, नामी कम्पनियों तथा बैंकों के प्रबंधकों से आज से पूछताछ शुरू कर दी है।
इन्वैस्टीगेशन विंग के प्रिंसीपल डायरैक्टर परनीत सचदेव, ज्वाइंट डायरैक्टर रोहित मेहरा के निर्देशों पर सहायक निर्देशक हरप्रीत हंसरा द्वारा लगभग 50 लोगों को नोटिस भेज दिए गए हैं जबकि कई अन्य को नोटिस भेजने की तैयारी है। पता चला है कि इन्वैस्टीगेशन विंग के अधिकारियों ने आज से पूछताछ का काम शुरू कर दिया है। कुछ कम्पनियों ने विभाग से कुछ दिनों का समय मांगा है। विभाग ने उन लोगों से पूछताछ शुरू की है, जिनके बैंक खातों में करोड़ों रुपए की राशि जमा हुई है। आयकर विभाग मान रहा है कि यह राशि काले धन से संबंधित हो सकती है।
इन्वैस्टीगेशन विंग ने नकोदर में भी 3 ज्यूलर्स को नोटिस भेजे हैं। जालंधर के नामी ज्यूलर्स को नोटिस भेजे गए हैं तथा अब इन्वैस्टीगेशन विंग रोजाना इनसे पूछताछ करेगा। अधिकारियों द्वारा उनके बैंक खातों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। बताया जाता है कि इन कम्पनियों, ज्यूलर्स व अन्य से यह पूछा जाएगा कि अचानक नोटबंदी के बाद से उनकी कम्पनियों की बिक्री में तेजी क्यों आ गई। उनसे पिछले एक महीने की बिक्री के आंकड़े भी मंगवाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद शहर में कई अधिकारियों व बड़े लोगों ने करोड़ों रुपए की राशि सोना खरीदने में खर्च कर दी थी।