पतंगबाजी के शौकीनों की उदासीनता का कारण बन सकती है नोटबंदी

Edited By Updated: 09 Dec, 2016 01:18 PM

note bandi effects on kite flying

कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ 8 नवम्बर रात्रि को नोटबंदी की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आम जनता से सहयोग हेतु 50 दिन का समय मांगा था

लुधियाना (स्याल): कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ 8 नवम्बर रात्रि को नोटबंदी की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आम जनता से सहयोग हेतु 50 दिन का समय मांगा था, जबकि करीब 1 माह बीत जाने के बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। सरकार द्वारा बैंकों के माध्यम से हर व्यक्ति को दी जाने वाली 2 हजार रुपए की राशि भी लोगों को आसानी से नहीं मिल रही और अगर मिल भी रही है तो 2000 का नोट, जो बाजार में छोटी करंसी की कमी के चलते चलाना पहाड़ जैसा है। नोटबंदी से हर तरह के कारोबार को धक्का लगा है। 

 

30 दिसम्बर तक हो सकते है हालात सामान्य 
पीक सीजन के बावजूद न तो हौजरी व्यापार चल रहा है और न ही शादी समारोहों से जुड़े लोगों का। यह हो भी सकता है कि 30 दिसम्बर के बाद हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएं, परंतु मौजूदा स्थिति को देखते हुए अब पतंगों के कारोबारियों को चिंता सताने लगी है। जनवरी में लोहड़ी पर पतंगबाजी के शौकीन खूब पतंगें उड़ाते हैं। दिसम्बर के अंत और जनवरी माह शुरू होते ही बाजारों में खूब पतंगें बिकनी शुरू हो जाती हैं। बच्चों से लेकर बड़े भी इसमें खूब दिलचस्पी लेते हैं परंतु अगर नोटबंदी के मौजूदा हालातों की तरह जनता को पर्याप्त करंसी नहीं मिली तो पतंगबाजी का कारोबार भी धराशायी हो जाएगा।
 

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