Edited By Updated: 07 Dec, 2016 09:49 AM
नोटबंदी के 28वें दिन भी बुरे हालात हैं और बैंकों की मनमर्जी जारी है। लंबी लाइनों में खड़े होकर बुजुर्ग अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
पटियाला (प्रतिभा): नोटबंदी के 28वें दिन भी बुरे हालात हैं और बैंकों की मनमर्जी जारी है। लंबी लाइनों में खड़े होकर बुजुर्ग अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। जब घंटों लाइन में लगकर इंतजार करते हुए थक गए तो बुजुर्ग जमीन पर ही बैठ गए। हर कोई जरूरत के लिए पैसे निकलवाने आ रहा है पर 11 बजते ही बैंकों में कैश खत्म हो जाता है। लंबी लाइनों में खड़े बुजुर्ग और लोग उदास-निराश थके-हारे वापस जाने को मजबूर हो जाते हैं।
एक बैंक ने भीड़ ज्यादा होने की वजह से गेट को अंदर से ही ताला लगा दिया। बैंक वालों के पास कैश है ही नहीं तो वो कहां से देंगे। लोगों के सब्र का बांध भी टूटने लगा है और अब लोग डिमांड करने लग गए हैं कि बैंकों पर जुर्माना होना चाहिए। जब किसी के खाते में पैसा नहीं हो तो चैक बाऊंस होने पर जुर्माना लगाया जाता है। फिर अब बैंक के पास कैश नहीं है और लोग परेशानी में खाली हाथ वापस जा रहे हैं तो बैंक भी इसका जुर्माना भरे। लोगों को अब बैंकों और बैंक अधिकारियों पर से विश्वास ही उठ गया है।