Edited By Updated: 18 Jan, 2017 02:06 AM
पंजाब के चुनावी दंगल में कोई जीते, कोई हारे लेकिन बाशिंदों की ख्वाहिश है ....
लंबी: पंजाब के चुनावी दंगल में कोई जीते, कोई हारे लेकिन बाशिंदों की ख्वाहिश है कि लंबी विधानसभा क्षेत्र के साथ लगा वी.आई.पी. टैग बरकरार रहे। शायद यही वजह है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता कैप्टन अमरेंद्र सिंह के लंबी चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। सबकी जुबां पर अब यही चर्चा है कि भले ही कोई जीते, कोई हारे, कम से कम लंबी विधानसभा क्षेत्र के साथ वी.आई.पी. का टैग लगा रहेगा। कैप्टन के चुनावी मैदान में उतरने से जोरदार जंग होने की चर्चा भी काफी गर्म हो गई है।
लंबी के मतदाताओं की मानें तो अकाली-भाजपा के उम्मीदवार और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सामने अब तक केवल आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह ही मजबूत प्रतिद्वंद्वी थे। बेशक आम आदमी पार्टी ने अब तक किसी को भी आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है लेकिन जरनैल को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। मतदाताओं के अनुसार आम आदमी पार्टी का यहां क्रेज भी इसीलिए है कि अगर जरनैल सिंह जीतते हैं तो लंबी को वी.आई.पी. ट्रीटमैंट मिलता रहेगा लेकिन अब कैप्टन के मैदान में उतरने से सभी सियासी समीकरण में बड़े उलटफेर की संभावना प्रबल हो गई है।
अब आखिरी चुनाव का दाव
इस बार आखिरी चुनाव का दाव खुलकर खेला जाएगा। ऐसा इसलिए है कि अभी तक बादल ही कहते रहे हैं कि उनका अंतिम चुनाव है लेकिन अब कैप्टन ने भी अंतिम इलैक्शन की घोषणा कर दी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कैप्टन व बादल कैसे अंतिम चुनाव का दाव खेल मतदाताओं को रिझाते हैं। लोगों का कहना है कि बादल तो कई सालों से कह रहे हैं कि अंतिम इलैक्शन है लेकिन जीत के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ जाते हैं।
बड़े मुद्दे; नशा-भ्रष्टाचार-रोजगार
इस चुनाव में नशा-भ्रष्टाचार और रोजगार बड़े मुद्दे हैं। मतदाताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र होने के बावजूद गांव माना व क्खांवाली जैसी जगह सरेआम नशे की बिक्री व सेवन होता है। इसलिए उसी को वोट देंगे, जो लंबी को नशामुक्त बनाएगा। वहीं, गांव नंबरदार पत्ती के मतदाता भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं। उनके मुताबिक यहां करीब 200 गांव हैं। हाल ही में सरकार ने यहां विभिन्न स्कीमों के तहत करीब 230 चैक बांटे लेकिन 100 घरों में मिले ही नहीं। सोचने वाली बात है कि गांव के कुल घरों से ज्यादा चैक सरकारी खाते में बांटे गए, फिर भी सबको नहीं मिले। मतदाताओं की जुबां पर रोजगार को लेकर भी गुहार है। उनका कहना है कि रोजगार की कमी के चलते ही युवाओं में नशा बढ़ रहा है इसलिए जो रोजगार देगा, हम अपना वोट उसी को देंगे।
सबसे हॉट सीट बनी लंबी
वैसे तो आम आदमी पार्टी के पंजाब चुनाव में उतरने से पूरे पंजाब में ही त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बनी हुई है लेकिन मौजूदा समय में सबसे हॉट त्रिकोणीय दंगल लंबी में सजने लगा है। पूरे लंबी विधानसभा क्षेत्र में हर किसी की जुबां पर इस त्रिकोणीय मुकाबले की चर्चा है लेकिन किसका पलड़ा भारी है? यह सवाल आते ही सब मौन हो जाते हैं। देसी भाषा में केवल यही जवाब मिलता है सबके सींग फंसे हैं, कौन सींग निकालकर फतेह की पताका लहराएगा, यह तो वक्त ही बताएगा।
जीत की रेस में प्रतिद्वंद्वियों को कांग्रेस देगी टक्कर
मतदाताओं का मानना है कि कैप्टन अमरेंद्र के चुनावी मैदान में आने से कांग्रेस के वोट बैंक में आम आदमी पार्टी की सेंधमारी पर अंकुश तो लगेगा ही साथ ही कांग्रेस जीत की रेस में प्रतिद्वंद्वियों को भी कड़ी टक्कर देगी। ऐसा इसलिए है कि कैप्टन के आने से कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी पर नकेल कसेगी। अब तक यहां टिकट की दावेदारी को लेकर कांग्रेस गुटबाजी की शिकार है। उस पर प्रत्याशी की घोषणा में देरी ने कांग्रेस समर्थकों को कन्फ्यूज किया हुआ था जिसका लाभ ‘आप’ उठाने की फिराक में थी।
जरनैल के प्रत्याशी घोषित होने के बाद आप नेताओं ने फायदा भी उठाया और अपनी जनसभाओं में उमड़ी भीड़ से शिअद व कांग्रेस समर्थकों के माथे पर शिकन की लकीरें खींच दीं। हालांकि अब कैप्टन के आने से कांग्रेसी समर्थक तो कम से कम आश्वस्त हो ही गए हैं कि ‘आप’ की उनके वोट बैंक में सेंधमारी आसान नहीं होगी। मतदाताओं का भी यही मानना है कि जो भी पार्टी लंबी के बाशिंदों की आवाज को गंभीरता से सुनेगी, उसे ही इस बार जीत का स्वाद चखने को मिलेगा।
गली-गली, नुक्कड़-नुक्कड़ सजी चौपाल
सबसे हॉट त्रिकोणीय मुकाबले के चलते पूरे लंबी विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों गली-गली, नुक्कड़-नुक्कड़ पर चौपाल सज गई है। दृश्यनुमा स्थिति यह है कि सर्द मौसम में आग सेंकते और मूंगफलियों के साथ ताश खेलते हुए या चाय की चुस्की लेते हुए हर किसी भी जुबां पर लंबी का राजनीतिक गुणा-भाग हो रहा है। आसमान पर छाए बादलों की वजह से ठंडक बढ़ी हुई है।
चुनाव का माहौल और सी.एम. का घर होने की वजह से हालांकि पंजाब पुलिस के सिपाहियों का भी गांव के पहले ही बस स्टॉप पर खासा जमावड़ा है लेकिन गांव वाले रोजमर्रा के कामकाज में जुटे हुए हैं। बस स्टॉप के बगल में ही एक झुंडनुमा घेरे में बैठे कुछ लोग आग सेंक रहे हैं। पहले-पहल तो अजनबी ‘शहरी’ दिखने वाले लोगों को देखकर थोड़ा ठिठकते हैं लेकिन फिर अपनी बातों में मशगूल हो जाते हैं। राजनीतिक गतिविधियों के बारे में पूछने पर तकरीबन सबकी जुबां से ‘सी.एम. साब’ की तारीफ ही निकलती है कि हमारे गांव में सभी प्रकार की सुविधाएं मौजूद हैं। कॉलेज, स्पोटर््स स्टेडियम, फायरिंग रेंज, वैटर्नरी इंस्टीच्यूूट से लेकर सरकारी सामान्य और पशु अस्तपाल में तैनात बढिय़ा डॉक्टरों तक का जिक्र होता है। कैप्टन अमरेंद्र के मैदान में उतरने की बात पर प्रतिक्रिया मिलीजुली मिलती है। कहते हैं कि यदि ऐसा होता है तो मुकाबला बड़ा रोचक होगा और चुनावी माहौल का ‘स्वाद’ भी आएगा।
1997 से बादल लगातार जीतते आ रहे हैं चुनाव
2002 से कांग्रेस के महेशइंद्र को बादल देते आ रहे हैं शिकस्त
2007 तीसरी जीत के साथ लगाई थी बादल ने हैट्रिक
2002 कांटे की टक्कर: शिरोमणि अकाली दल ने 48 और कांग्रेस ने जीती थीं 44 सीटें
2017 पहली बार होगा जब मौजूदा सी.एम. के सामने पूर्व मुख्यमंत्री लड़ेंगे चुनाव
लंबी के लोगों का कहना है कि लंबी में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के उतरने के बाद मुकाबला बड़ा रोचक होगा और चुनावी माहौल का ‘स्वाद’ भी आएगा।