Edited By Updated: 22 Feb, 2017 10:17 AM
शहर का बस अड्डा 1980 में तत्कालीन नगर कौंसिल अध्यक्ष हुकम चंद सूद के कार्यकाल दौरान बना था, लेकिन 37 वर्ष बीत जाने के बावजूद बस अड्डे की तरफ समय-समय की सरकारों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया जिस कारण यह बस अड्डा अपनी दयनीय हालत पर आंसू बहा रहा है।
धर्मकोट(सतीश): शहर का बस अड्डा 1980 में तत्कालीन नगर कौंसिल अध्यक्ष हुकम चंद सूद के कार्यकाल दौरान बना था, लेकिन 37 वर्ष बीत जाने के बावजूद बस अड्डे की तरफ समय-समय की सरकारों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया जिस कारण यह बस अड्डा अपनी दयनीय हालत पर आंसू बहा रहा है।
37 वर्षों में नहीं बना शौचालय
बस अड्डे पर बारिश, गर्मी आदि में सवारियों के बैठने का कोई प्रबंध नहीं। प्रत्येक बस अड्डे पर बाकायदा तौर पर बाथरूम बने होते हैं लेकिन 37 वर्षों में इस बस अड्डे पर कोई ढंग का शौचालय भी नहीं बना, जो बना है वह भी नाममात्र है। सतपाल टक्कर, सर्बजीत सिंह, सोनी ने बताया कि इन बाथरूमों में कई बार खतरनाक जीव-जंतु निकल चुके हैं। इसके अलावा इस बस अड्डे पर लोगों के बैठने के लिए कोई जगह न होने के कारण लोगों को खड़े रह कर ही बसों का इंतजार करना पड़ता है।
सवारियों को कोई भी नहीं सहूलियत
धर्मकोट बस अड्डे में बना एकमात्र शैड अपनी दयनीय हालत पर आंसू बहा रहा है। शैड के नीचे कहीं भी कोई सवारी नहीं बैठती तथा न ही यह बैठने योग्य स्थान है। बस अड्डे से नगर कौंसिल को रोजाना हजारों रुपए की कमाई होती है, लेकिन उक्त बस अड्डे पर सवारियों को कोई भी सहूलियत नहीं जबकि मोगा-जालंधर नैशनल हाइवे पर स्थित होने के कारण इस बस अड्डे से रोजाना सैंकड़ों बसें देश के अलग-अलग हिस्सों को आती-जाती हैं।
क्या कहना है नगर कौंसिल अध्यक्ष का
जब इस संबंधी नगर कौंसिल अध्यक्ष जगतार सिंह मंझर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि चुनाव आचार संहिता लगी होने के कारण हम अब कुछ नहीं कर सकते। उसके बाद बस अड्डे को आधुनिक तरीकेसे बनाया जाएगा।