Edited By Updated: 29 Apr, 2017 01:09 AM
राजनीतिक दल बेशक चुनावी खर्चे की सीमा में बढ़ौतरी की मांग करते रहे हों लेकिन पंजाब.....
चंडीगढ़(शर्मा): राजनीतिक दल बेशक चुनावी खर्चे की सीमा में बढ़ौतरी की मांग करते रहे हों लेकिन पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले किसी भी विधायक ने निर्धारित 28 लाख खर्च की सीमा को पार नहीं किया है। गैर-सरकारी संगठनों एसोसिएशन फॉर डैमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (ए.डी.आर.) और पंजाब इलैक्शन वॉच की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। शुक्रवार को यह रिपोर्ट एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान ए.डी.आर. के संस्थापक सदस्य प्रो. त्रिलोचन शास्त्रे व पंजाब इलैक्शन वॉच के राज्य संयोजक जसकीरत सिंह ने जारी की।
रिपोर्ट के अनुसार पंजाब विधानसभा के 117 विधायकों में से बस्सी पठाना विधानसभा क्षेत्र से कांगे्रसी विधायक गुरप्रीत सिंह ने आयोग को सौंपी चुनावी खर्च रिपोर्ट में सर्वाधिक 26,89,008 रुपए दर्शाए हैं, जबकि इसी पार्टी के अजनाला से विधायक हरप्रताप सिंह ने सबसे कम 4,13,961 रुपए दर्शाए हैं। रिपोर्ट में कैप्टन सरकार के 10 मंत्रियों के चुनावी खर्च का अलग से आकलन किया गया है। कैप्टन सरकार में तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनावी खर्च के मामले में अपने सभी सहयोगी मंत्रियों को पीछे छोड़ दिया।
उन्होंने यह खर्च 26,83,553 रुपए दर्शाया है, जबकि इस चुनाव में सबसे अधिक संपत्ति के मालिक रहे उम्मीदवार तथा कैप्टन सरकार में बिजली व सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने अपना चुनावी खर्च 8,36,832 रुपए घोषित किया है। रिपोर्ट के अनुसार बादल सरकार में उद्योग व वाणिज्य विभाग के मुख्य संसदीय सचिव रहे तथा वर्तमान में डेरा बस्सी से शिअद के विधायक एन.के. शर्मा ने वाहन उपयोग के रूप में चुनाव के दौरान कुछ भी खर्च नहीं किया।
राजनीतिक दलों के औसतन खर्च में बैंस बंधुओं की लोक इंसाफ पार्टी सबसे आगे
रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा में विभिन्न दलों के विधायकों की संख्या के आधार पर पार्टियों के औसतन चुनावी खर्च में बैंस बंधुओं की 2 विधायकों वाली लोक इंसाफ पार्टी का औसत खर्चा सर्वाधिक 20.01 लाख दर्ज किया गया है, जबकि 15 विधायकों वाले अकाली दल का औसत खर्च 15.76 लाख, 3 विधायकों वाली भाजपा का 15.49 लाख, 77 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी का औसत खर्च 15.25 लाख, 20 विधायकों वाली आम आदमी पार्टी का औसत खर्च 14.86 लाख दर्ज किया गया है।
खर्च में अमरेंद्र 59वें, प्रकाश सिंह बादल 81वें, मजीठिया 88वें व सुखबीर 98वें स्थान पर
रिपोर्ट में 117 विधायकों की चुनावी खर्च के आधार पर तैयार सूची में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह 59वें स्थान पर हैं। उन्होंने अपना चुनावी खर्च 15.17 लाख रुपए घोषित किया है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का नाम इस सूची में 13.13 लाख के खर्च के साथ 81वें, बिक्रम मजीठिया 12.63 के खर्च के साथ 88वें तथा सुखबीर बादल का नाम 10.78 लाख के खर्च के साथ 98वें नंबर पर है।
गैर सरकारी संगठनों एसोसिएशन फॉर डैमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (ए.डी.आर.) व पंजाब इलैक्शन वॉच द्वारा पंजाब में एक्टिव राजनीतिक दलों कांग्रेस, शिअद, भाजपा, आम आदमी पार्टी सहित 8 राजनीतिक दलों द्वारा वर्ष 2004-05 से 2014-15 तक की आयकर विभाग को दी गई जानकारी के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दलों की 71.27 प्रतिशत आय अज्ञात स्रोतों से प्राप्त हुई है। रिपोर्ट में बताया गया कि इन दलों की कुल आय 9490.17 करोड़ दर्ज की गई। इसमें से 1463.74 करोड़ की डोनेशन को ज्ञात स्रोतों से प्राप्त होने की जानकारी आयोग को दी गई। 1263.12 करोड़ रुपए संपत्तियों की बिक्री, सदस्यता शुल्क या बैंक ब्याज के रूप में दर्शाए गए और 6763.17 करोड़ का जिक्र 20 हजार से कम राशि की डोनेशन के रूप में अज्ञात स्रोत के रूप में किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार इस समयावधि में कांग्रेस की आय सर्वाधिक 3982.09 करोड़ दर्ज हुई, लेकिन इसमें से 400.32 करोड़ ही 20 हजार से अधिक की डोनेशन के रूप में ज्ञात डोनरों से मिले थे। भाजपा ने अपनी 3272.63 करोड़ की आय में से 917.86 करोड़, शिअद ने 101.81 करोड़ की आय में से 13.10 करोड़ तथा आम आदमी पार्टी ने 110.06 करोड़ की अपनी आय में से 45.45 करोड़ की डोनेशन ज्ञात स्रोतों से प्राप्त होने का ब्यौरा चुनाव आयोग को दिया है।
सर्वाधिक औसत खर्च
रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में अन्य दलों के मुकाबले इलैक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से प्रचार पर सबसे अधिक 82.81 लाख रुपए औसतन रूप से खर्च किए जबकि अकाली दल ने स्टार प्रचारकों के साथ जनसभाओं व जलूस पर अन्य दलों के मुकाबले औसतन सर्वाधिक 2.71 लाख खर्च किए। लोक इंसाफ पार्टी ने चुनाव प्रचार सामग्री के साथ इस क्षेत्र में सर्वाधिक 10.29 लाख रुपए औसतन खर्च कर अन्य दलों को पीछे छोड़ दिया जबकि आम आदमी पार्टी का बना स्टार प्रचारकों के जनसभाओं व जलूस पर अन्य दलों के मुकाबले औसतन सर्वाधिक 5.58 लाख तथा वाहन उपयोग से प्रचार पर अन्य दलों के मुकाबले इसका औसतन खर्च सर्वाधिक 3.56 रहा जबकि भाजपा ने अपने कार्यकत्र्ताओं के माध्यम से चुनाव प्रचार पर अन्य दलों के मुकाबले औसतन सर्वाधिक 2.55 लाख रुपए खर्च किए।