Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Oct, 2017 07:25 PM
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पंजाब सरकार को ऐसे 21 किसानों को पेश करने का आज निर्देश दिया जिनके बारे में उसने दावा ...
नई दिल्ली/चंडीगढ़: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पंजाब सरकार को ऐसे 21 किसानों को पेश करने का आज निर्देश दिया जिनके बारे में उसने दावा किया है कि उन्हें प्रोत्साहन एवं अन्य आधारभूत सुविधाएं दी गई ताकि उन्हें पराली जलाने से रोका जाए जिससे वायु प्रदूषण पर रोक लग सके। मुद्दे पर सुनवाई के लिए आज यहां एनजीटी परिसर के बाहर 100 से अधिक किसान एकत्रित हुए थे ताकि वे एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष एक वकील के माध्यम से अपना पक्ष एवं शिकायतें रख सकें। पीठ ने इस तथ्य पर अप्रसन्नता जताई कि दो वर्ष से अधिक समय के बाद भी पराली जलाने के संबंध में कुछ भी ठोस नहीं किया गया है।
पीठ ने पंजाब सरकार को ऐसे 21 किसानों को 13 अक्तूबर को पीठ के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया। पीठ ने यह निर्देश राज्य द्वारा एनजीटी को यह बताने के बाद दिया कि उसने किसानों को सहायता मुहैया कराई थी ताकि उन्हें पराली नहीं जलाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। पीठ ने कहा, ‘‘हमने दो वर्षों तक हमारे निर्देश के अनुपालन के लिए आपका पंजाब इंतजार किया। हमने आपसे कहा था कि कम से कम एक जिले के लिए एक कार्ययोजना लेकर आइए। आपने इस संबंध में क्या कदम उठाए।’’ इस पीठ में न्यायमूर्ति आर.एस. राठौर भी शामिल थे।
पीठ ने कहा, ‘‘क्या आप पूरे पंजाब से एक किसान हमारे समक्ष पेश कर सकते हैं, जिसे आप हमारे समक्ष पेश करें और कहें कि आपने उसे किसी तरह की सहायता दी है? यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि मुद्दा पर्यावरण से संबंधित है। आपको एक मनुष्य के तौर पर सोचना चाहिए कि इसमें इतना अधिक समय क्यों लग रहा है।’’ सुनवाई के दौरान किसानों के लिए पेश होने वाले अधिवक्ता आई.जी. कपिला ने एक समाचार पत्र की खबर का उल्लेख किया और कहा कि एनटीपीसी और कुछ जैव ईंधन ऊर्जा इकाइयों ने आसपास के राज्यों के किसानों से पराली खरीदने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी और अन्य कंपनियों के प्रतिनिधि खेतों से पराली काटने और उसे खरीदने को तैयार हैं।
सुनवाई के लिए एनजीटी के बाहर एकत्रित हुए किसानों की ओर से पेश होने वाले कपिला ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की मदद के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पंजाब सरकार ने पहले कहा था कि उसने पटियाला जिले की नाभा तहसील के कलार माजरी गांव को एनजीटी के निर्देशों को लागू करने और किसानों को जागरूक करने के लिए एक मॉडल परियोजना के तौर पर लिया है। एक किसान ने अदालत कक्ष के बाहर कहा कि धान की खेती के लिए करीब 390 एकड़ जमीन वाले कलार माजरी गांव के किसानों को सरकार की ओर से मशीनरी या वित्तीय सहायता अभी नहीं मिली है। पड़ोसी गांवों में किसानों ने अपने खेतों में आग लगानी शुरू कर दी है।