Edited By Updated: 01 May, 2017 12:31 AM
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सही मार्कीटिंग प्लान की जरूरत होती....
लुधियाना: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सही मार्कीटिंग प्लान की जरूरत होती है। पंजाब में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी आगामी 1 माह में तैयार हो जाएगी। यह बात महानगर में नोबल फाऊंडेशन ट्रस्ट के स्वाभिमान अवॉर्ड में मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुए पंजाब के निकाय एवं टूरिज्म मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू कही। उन्होंने कहा कि अमृतसर में प्रतिदिन 1.25 लाख लोग माथा टेकने आते हैं, परंतु इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते वे सुबह-शाम यात्रा ही कर पाते हैं।
इसी प्रकार रिच कल्चर के साथ आनंदपुर साहिब से लेकर नयना देवी तक पंजाब के पास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत विकल्प हैं परंतु अच्छे इन्फ्रास्ट्रक्चर्स, बड़े शहरों से एयर कनैक्टीविटी, होटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण पंजाब अपने विरसे व पर्यटन स्थलों से टूरिज्म को पर्याप्त विकसित नहीं कर पाया। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सारा होमवर्क हो चुका है। आगामी माह तक राज्य की नई टूरिज्म पॉलिसी आ जाएगी, जिसमें टूरिज्म को भरपूर बढ़ावा मिलेगा।
लुधियाना में एयरपोर्ट पर फैसला सरकार करेगी
महानगर में एयरपोर्ट को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति के सवाल पर सिद्धू ने कहा कि महानगर में एयरपोर्ट कहां बनेगा, इसका फैसला सरकार निश्चित करेगी। गौरतलब है कि वर्तमान समय में लुधियाना में प्रस्तावित एयरपोर्ट को लेकर कई तरह की चर्चाओं से असमंजस है। जहां केन्द्र सरकार ने गत दिनों माछीवाड़ा में ग्रीन फील्ड स्कीम के तहत एयरपोर्ट हेतु क्लीयरैंस दे दी है, वहीं पिछले विधानसभा चुनावों में पंजाब भाजपा प्रधान ने हलवारा एयरपोर्ट से नियमित फ्लाइट शुरू करवाने की बात कही। इसी प्रकार साहनेवाल एयरपोर्ट के आसपास जमीन को एक्वायर कर उसी एयरपोर्ट से नियमित फ्लाइटें उड़ाने की चर्चाएं भी आम बात है।
नगर निगमों में अब भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं
नगर निगमों में फैले भ्रष्टाचार के सवाल पर मंत्री नवजोत सिद्धू ने कहा कि निगम स्तर पर भ्रष्टाचार का अंतर बहुत घना है परंतु भ्रष्टाचारियों की अब खैर नहीं होगी।
बच्चों को अच्छी परवरिश देना पेरैंट्स की जिम्मेदारी
सोशल मीडिया के आतंक पर कटाक्ष करते हुए सिद्धू ने कहा कि वर्तमान समय में मां-बाप पर बच्चों को अच्छी परवरिश की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। आजकल महिलाएं कई-कई घंटे मोबाइल व सोशल मीडिया पर समय व्यतीत करती हैं। इससे बच्चों की अनदेखी हो रही है।