Edited By Updated: 30 Mar, 2017 10:19 PM
कच्चे माल के अभाव के कारण बंद हो रही क्रशर इंडस्ट्री को माइनिंग की इजाजत मिल गई....
जालंधर(पुनीत/शारदा): कच्चे माल के अभाव के कारण बंद हो रही क्रशर इंडस्ट्री को माइनिंग की इजाजत मिल गई है लेकिन माइनिंग के जो रेट निर्धारित किए गए हैं उससे रेत-बजरी की प्रोडक्शन कॉस्ट महंगी होगी और पंजाब की जनता को पहले के मुकाबले रेत व बजरी 30 से 35 प्रतिशत महंगे रेटों पर मिलेगी।
माइनिंग विभाग ने हरियाल बैल्ट सहित लीगल खड्डों में माइनिंग के लिए जो जी.आर. (जनरल रेट) निर्धारित किए हैं, वे क्रशर इंडस्ट्री के लिए राहत की जगह आफत लाए हैं, इन रेटों पर कच्चा माल खरीद कर उसकी रेत-बजरी बनाने का मूल्य अकाली सरकार के समय लगने वाले गुंडा टैक्स से भी महंगा होगा। विभाग ने 120 से लेकर 160 रुपए तक प्रति टन का रेट तय किया है जोकि क्रशर इंडस्ट्री की समझ से परे बताया जा रहा है।
क्रशर इंडस्ट्री से जुड़े लोग कहते हैं कि यह रेट गुंडा तत्वों को और अधिक बल देंगे क्योंकि जितनी रेत पहले 10 हजार में मिलती थी, वह अब 13-14 हजार से अधिक में पड़ेगी। क्रशर यूनिटों का कहना है कि सरकार ने गुंडा तत्वों पर नकेल कस कर क्रशर मालिकों को जो राहत दी थी, उसके विपरीत यह रेट निर्धारित करके क्रशर इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा मंत्रिमंडल के गठन के इतने दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक माइनिंग पॉलिसी नहीं लाई गई, जिससे पठानकोट इलाके के 300 में से 220 से अधिक क्रशर बंद हो गए हैं।
क्रशर इंडस्ट्री का कहना है कि सरकार को हिमाचल अथवा जम्मू-कश्मीर के पैट्रन पर माइनिंग पॉलिसी जल्द से जल्द घोषित करके पंजाब की जनता को राहत देनी चाहिए क्योंकि अकाली सरकार के समय कांग्रेस ने जनता को सस्ती रेत/बजरी मुहैया करवाने का जो वायदा किया था, वह अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
माइनिंग हेतु स्वीकृत खड्डों के लिए ये हैं जनरल रेट
माइनिंग विभाग के जी.एम. बलविन्द्र पाल सिंह ने सम्पर्क करने पर कहा कि जिले की स्वीकृत खड्डों से जी.आर. के आधार पर माइनिंग की अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि जिले में माइनिंग के लिए 10 खड्डें स्वीकृत हैं, जिनकी माइनिंग के लिए जनरल रेट अलग-अलग हैं।
स्थान रेट (प्रति टन)
हरियाल 120 रुपए
बेहडिय़ां 118 रुपए
मीरथल 120 रुपए
कंडरा 149 रुपए
तलवाड़ा 161 रुपए
कच्चा माल माइनिंग माफिया के समय से महंगा पड़ेगा: क्रशर इंडस्ट्री
हरियाल क्रशर इंडस्ट्री से जुड़़े व्यवसायी पंकज मनकोटिया का कहना है कि बेशक माइनिंग विभाग ने स्वीकृत खड्डों से कच्चे माले की माइनिंग की अनुमति दे दी है परन्तु इसके लिए जो जनरल रेट तय किए गए हैं, वे क्रशर इंडस्ट्री को खून से आंसू रूलाने से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हरियाल की खड्डों में विभाग ने 120 रुपए प्रति टन माइनिंग के रेट तय किए हैं, क्रशर यूनिट इस रेट पर माइनिंग करके कच्चा माल उठाता है तो रेत-बजरी तैयार करने की लागत व ट्रांसपोर्टेशन कहीं अधिक पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस जी.आर. रेट पर तो कच्चा माल उठाना माइनिंग माफिया के समय से भी महंगा पड़ेगा। ऐसे में बदहाल अवस्था में पड़ी क्रशर इंडस्ट्री कैसे अपने पैरों पर खड़ी हो सकेगी।