Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 02:25 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के दिशा-निर्देशों तहत बनाई जा रही सभ्याचारक नीति...
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के दिशा-निर्देशों तहत बनाई जा रही सभ्याचारक नीति का प्रारूप नवयुवकों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है ताकि इंटरनैट के युग में बज्जों व नवयुवकों को अपनी समृद्ध विरासत और संस्कृति, मां बोली से जोड़ा जा सके।
यह विचार पर्यटन व सांस्कृतिक मामलों के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को साहित्य, संस्कृति, संगीत, फिल्मी व अकादमिक मामलों के विशेषज्ञों के साथ सभ्याचारक नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए बुलाई बैठक पश्चात व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राज्य की 55 प्रतिशत जनंसख्या नवयुवक है जिनमें बहुत से 38 वर्ष से कम आयु के हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में इंटरनैट के युग के कारण छोटा बच्चा इससे जुड़ रहा है। इसलिए बच्चों व नवयुवकों को ध्यान में रखकर सभ्याचारक नीति बनाई जाएगी।
सिद्धू द्वारा बुलाई इस बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, विभाग के सलाहकार डा. अमर सिंह, प्रमुख सचिव जसपाल सिंह व डायरैक्टर डा. नवजोत पाल सिंह रंधावा सहित लगभग 40 बुद्धिजीवी विभिन्न विषयोंं के विशेषज्ञों ने अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। 5 घंटे से अधिक चली इस मैराथन बैठक में सिद्धू ने विशेषज्ञों से यह सुझाव सुने कि सभ्याचारक नीति का प्रारूप क्या होगा और इसको लागू कैसे करना है। सिद्धू ने सभी सुझाव सुनने के पश्चात कहा कि सभ्याचारक नीति को अंतिम स्वीकृति और इसकी घोषणा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा की जाएगी।