खरीद एजैंसियों की लापरवाहीःकरोड़ों का अनाज खा गए कीड़े

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 11:46 AM

negligence of procurement agencies  worms eaten wheat

खरीद एजैंसियों की लापरवाही व सरकार की नीतियों के चलते अकेले पटियाला जिले में पिछले 7 सालों में खुले आसमान के नीचे स्टोर करोड़ों का अनाज कीड़े ही खा गए। अनाज का भंडारण व उसकी संभाल सही तरीके से न करने के कारण उस अनाज की हालत यह हो गई है कि वह अब...

पटियाला(बलजिन्द्र): खरीद एजैंसियों की लापरवाही व सरकार की नीतियों के चलते अकेले पटियाला जिले में पिछले 7 सालों में खुले आसमान के नीचे स्टोर करोड़ों का अनाज कीड़े ही खा गए। अनाज का भंडारण व उसकी संभाल सही तरीके से न करने के कारण उस अनाज की हालत यह हो गई है कि वह अब जानवरों के  खाने के काबिल भी नहीं बचा। इसमें से अधिकतर अनाज साल 2009-10 का है। जो अभी तक खुले आसमान के नीचे गल-सड़ रहा है। इस अनाज को बचाने के लिए संबंधित एजैंसियों को जो कार्रवाई करनी चाहिए वो इतनी धीमी है कि मानो वे उसके खराब होने का इंतजार कर रही हों। 

‘पंजाब केसरी’ की ओर से जिले के अलग-अलग शहरों में किए गए सर्वेक्षण में सामने आया कि बड़ी मात्रा में अनाज ओपन गोदामों में खराब हो रहा है जिससे जहां अनाज की बर्बादी हो रही है, वहीं गेहूं की खरीद और उसकी संभाल में जो करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं, वो भी बर्बाद हो रहे हैं।जानकारी के मुताबिक पंजाब एग्रो एजैंसी के सरङ्क्षहद रोड पर स्थित गांव बारन में स्थित गोदाम में अनाज की लाखों बोरियां सही तरीके से संभाल न होने के कारण ही खराब हो गईं। विभाग को बाद में इस गोदाम की खराब हुई गेहूं को बहुत ही कम दामों में बेचना पड़ा। 

पंजाब एग्रो को इससे पहले सनौर, देवीगढ़ में खराब अनाज को कम दामों में बेचना पड़ा था। पंजाब एग्रो के समाना और पातड़ां गोदामों की हालत भी कोई अच्छी नहीं है। समाना में पनग्रेन की एक लाख गेहूं की बोरियां व मार्कफैड की 65 हजार बोरियां खराब हो रही हैं। गेहंू के खराब होने और गेहूं की शार्टेज के मामले में 5 अधिकारियों को सस्पैंड भी कर दिया गया था।

खराब अनाज से लाखों लोगों का पेट भरा जा सकता था 
सरकारी गोदामों में खराब अनाज को अगर सही समय पर संभाल लिया जाता तो निश्चित तौर पर उस अनाज से लाखों लोगों का पेट भरा जा सकता था परंतु अधिकारियों की लापरवाही से अनाज भी खराब हो गया और उसके खरीदने के लिए खर्च किया धन भी नष्ट हो गया। सबसे अहम बात तो यह है कि गोदामों में पड़े अनाज का रखरखाव ठीक से हो रहा है या फिर नहीं, इसके लिए सभी एजैंसियों की ओर से समय-समय पर फिजीकल वैरीफिकेशन की जाती है, इसके बावजूद भी अनाज के खराब होने से रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए जा सके।
 

अनाज को खराब होने से रोकने के लिए ओपन पलिथों पर स्टोरेज की जा रही है बंद

अनाज को खराब होने से बचाने के लिए पंजाब सरकार ने अब योजना बनाई है कि ओपन पलिथों में स्टोरेज बंद कर दी जाए। अब सिर्फ कवर्ड गोदामों में ही स्टोरेज की जा रही है। इसके लिए कुछ जगहों को तो सिलैक्ट भी कर लिया गया है। भविष्य में 100 के करीब साइटों को भी सिलैक्ट किया जा रहा है क्योंकि ओपन पलिथों में जो अनाज स्टोर किया जाता है, उसकी आयु बहुत ही कम होती है, दूसरा वहां कई बार चोरी इत्यादि होने का खतरा अधिक रहता है, तीसरा बारिश में भीगने के बाद अनाज जल्दी खराब हो जाता है।

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