भविष्य के सिख नेता के तौर पर कांग्रेस में छवि बना सकते हैं सिद्धू

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Mar, 2018 02:10 PM

navjot singh sidhu video viral

स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से रविवार को काग्रेस के महाधिवेशन में मागी गई माफी इस समय सोशल मीडिया पर छाई हुई है।

चंडीगढ़ः स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से रविवार को काग्रेस के महाधिवेशन में मागी गई माफी इस समय सोशल मीडिया पर छाई हुई है। यह पहला बड़ा मौका है जब काग्रेस के इतने बड़े प्लेटफार्म पर सिद्धू ने मनमोहन से ना केवल हाथ जोड़कर माफी मागी बल्कि उनकी शान में कई कसीदे भी पढ़े। उन्होंने उनके कामों को जहा भाजपा के शोर से ज्यादा बताया, वहीं उन्हें एस्ट्रोलॉजर (ज्योतिषी) भी बताया जो अपने अनुभव व ज्ञान से वर्तमान सरकार की नीतियों के बारे में पहले ही आगाह कर देता है। साथ ही उन्हें अरबी घोड़ा भी बताया जिनके शासन में आर्थिक स्थिति कदम दर कदम बेहतर हो रही थी। 

 
भारतीय जनता पार्टी में दस साल तक मात्र एक प्रचारक बनकर रह गए नवजोत सिद्धू को जिस तरह से काग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर बोलने का एक मुकाम दिया उससे वे भी गदगद दिखाई दिए। उन्हें ना केवल पार्टी में लाकर काग्रेस ने पंजाब में एक कैबिनेट मंत्री के रूप में स्थापित किया बल्कि एक सिख के तौर पर भविष्य के नेता के रूप में भी उभारने को स्थान दिया है। अब यह सिद्धू पर निर्भर है कि वह इस अवसर को किस तरह से प्रयोग करते हैं। ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद जिस तरह से सिख मानस में काग्रेस के प्रति नफरत का भाव है उसे कम करने के लिए पार्टी ने पहले डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री के रूप में स्थापित किया। अब सिद्धू जैसे चेहरे को भी राष्ट्रीय स्तर पर अपने बड़े प्रोग्राम में बोलने का मौका दिया जिसे कुशल वक्ता सिद्धू ने पूरी तरह से भुनाया।

 

भाजपा में रहते हुए डॉ. मनमोहन सिंह के लिए कभी मौनीबाबा तो कभी बेअसरदार सरदार जैसे शब्दों का प्रयोग करने वाले सिद्धू मनमोहन सिंह से माफी मांग कर ना केवल आगे बढ़े बल्कि मनमोहन के कार्यों की तुलना नरेंद्र मोदी के कार्यकाल से करके अपने लिए दी गई हुई जगह का मूल्य भी मोड़ दिया। सिद्धू के अल्फाजों पर सोनिया गाधी भी खुश दिख रही थीं। हालांकि मनमोहन सिंह सिर्फ एक बार खुलकर मुस्कुराए लेकिन पूरे हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट साफ तौर पर नवजोत सिद्धू का समर्थन कर रही थी। सिद्धू ने यह भी साबित कर दिया कि पंजाबी जिसके भी साथ होते हैं उससे अपनी पुरानी गलतियों की माफी मागने से भी गुरेज नहीं करते। आगामी लोकसभा के चुनाव में मात्र एक साल ही बचा है। काग्रेस चुनाव में भाजपा के पूर्व सासद जो शब्दों के जरिए जज्बात पैदा करने में माहिर हैं, को कैसे उसके खिलाफ इस्तेमाल करने वाली है इसका अंदाजा भी राष्ट्रीय अधिवेशन में सिद्धू को दिए मौका और उनको मिली तालियों की गड़गड़ाहट से दे दिया है। 2019 का आम चुनाव काग्रेस के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। सिद्धू का वीडियो जिस तरह से वायरल हो रहा है उससे साफ लग रहा है कि सिद्धू काग्रेस में एक बड़ा मुकाम हासिल करने में काफी आगे निकलते दिख रहे हैं। बुजुर्ग हो चुके मनमोहन सिंह की जगह काग्रेस को भी एक बड़े सिख नेता की तलाश है। 

 

यह महत्वपूर्ण है कि राहुल गाधी के कहने के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू गुजरात व हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए नहीं गए थे। इससे नाराज राहुल गाधी ने इस बारे में कैप्टन अमरेंद्र से भी कहा था। इसका नतीजा यह हुआ कि सिद्धू को काग्रेस के महाधिवेशन के लिए बनाई गई किसी भी कमेटी में शामिल नहीं किया गया। कैप्टन के अलावा पंजाब से मनप्रीत बादल को ही कमेटी में लिया गया था। इससे साफ लग रहा था कि सिद्धू से राहुल अब भी खुश नहीं हैं लेकिन कल के सेशन में जिस तरह से सिद्धू ने अपनी जगह बनाई है उससे इस बात की संभावना बढ़ गई है कि राहुल गाधी की नाराजगी दूर हो जाए।

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