Edited By Updated: 25 May, 2017 09:17 AM
अकाली-भाजपा सरकार में लोकल बॉडीज मंत्री रहे अनिल जोशी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान किए फैसले रद्द करने बारे नवजोत सिद्धू द्वारा चलाई
लुधियाना (हितेश): अकाली-भाजपा सरकार में लोकल बॉडीज मंत्री रहे अनिल जोशी द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान किए फैसले रद्द करने बारे नवजोत सिद्धू द्वारा चलाई मुहिम को एक और झटका लगा है जिसके तहत इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के एस.डी.ओज को जे.ई. बनाने के आदेश पर स्टे देने के बाद हाईकोर्ट ने अब सैक्रेटरीज को सुपरिंटैंडैंट बनाने के फरमान पर भी रोक लगा दी है। नगर निगम में तैनात सुपरिंटैंडैंटों में सैक्रेटरी की प्रोमोशन लेने को लेकर करीब एक दशक से लड़ाई चल रही है। इसके तहत 1998 में बने नियमों को कई बार बदला गया जिसमें बी.ए. के साथ एम.बी.ए. व एल.एल.बी. की शर्त लगाने सहित सर्विस पीरियड को भी कई बार बढ़ाया व कम किया गया।
|इसे लेकर चल रहे कोर्ट केस के तहत सरकार ने पिछले साल सितम्बर में सारे पुराने फैसले रद्द करके 1998 के नियमों के मुताबिक सुपरिंटैंडैंटों को सैक्रेटरी बना दिया। इसे बाकी के सुपरिंटैंडैंटों ने यह कह कर कोर्ट में चुनौती दी कि कई रिटायर हो चुके अफसर भी प्रोमोट कर दिए गए हैं। इसमें पोस्ट खाली होने के समय के नियम भी नहीं अपनाए गए। इस पर सरकार ने दिसम्बर 2016 में फिर से नए आदेश जारी कर दिए। इसे लेकर कोर्ट में 15 व 16 मई को होने वाली सुनवाई से पहले सरकार ने यह कहकर सारे फैसले रद्द कर दिए कि पहले फैसले लेते समय नियमों के मुताबिक डी.पी.सी. की मीटिंग नहीं की गई। इस कार्रवाई को सिद्धू द्वारा जोशी के समय हुए फैसले रद्द करने बारे चलाई मुहिम से जोड़कर भी देखा गया। इसे लेकर सिद्धू ने हाल ही में टिप्पणी की है कि पिछली सरकार ने जाते समय जो गलत ढंग से फैसले लिए हैं, उनको रिव्यू करने का आदेश पहली कैबिनेट मीटिंग में दिया गया है, जिसके तहत प्रोमोशन वापस करने का सिलसिला जारी रहेगा।
इसके कुछ दिन बाद ही कोर्ट ने सैक्रेटरीज को सुपरिंटैंडैंट बनाने के फैसले पर रोक लगा दी है। इसके लिए याचिका लगाने वाले मुलाजिमों ने हवाला दिया कि डिमोट करने से पहले न तो उनको कोई नोटिस दिया गया और न ही निजी सुनवाई का मौका दिया गया। यह बात सरकार ने भी स्वीकार की लेकिन यह भी कहा कि अस्थायी तौर पर प्रोमोशन दी गई जिस पर मुलाजिमों का कोई क्लेम नहीं बनता और यह प्रोमोशन नियमों के उलट जाकर की गई थी। सरकार ने यह भी कहा कि सुपरिंटैंडैंटों को सैक्रेटरी बनाने बारे वरिष्ठता सूची फाइनल करने का काम चल रहा है, उसके हिसाब से नए सिरे से नियमों के मुताबिक जल्द प्रोमोशन करने का जिक्र पहले रिवर्ट करने बारे जारी आदेश में किया गया है। इसे लेकर लगे एक अन्य केस में कोर्ट ने 12 जुलाई तक प्रोमोशन करने का मामला हल करने के आदेश दिए हुए हैं लेकिन नए केस में कोर्ट ने निजी सुनवाई का मौका व नोटिस न देने के कारण 8 मई को जारी रिवर्ट करने के आदेशों पर रोक लगा दी और 6 हफ्ते में नियमों के मुताबिक नए सिरे से आदेश जारी करने के लिए कहा है।