सियासत-ए-कांग्रेस: मेयर पद को लेकर भी हो सकता है सिद्धू व कैप्टन में टकराव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 10:36 AM

navjot singh sidhu

तीनों नगर निगमों में कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आ चुकी है। अब जंग मेयर पद को लेकर चल रही है। हर कोई अपने-अपने तरीके से लाबिंग में लगा हुआ है। कोई कैप्टन के दरबार में हाजिरी लगा रहा है, कोई लोकल बाडी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू तक पहुंच बना...

जालंधर(रविंदर शर्मा): तीनों नगर निगमों में कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आ चुकी है। अब जंग मेयर पद को लेकर चल रही है। हर कोई अपने-अपने तरीके से लाबिंग में लगा हुआ है। कोई कैप्टन के दरबार में हाजिरी लगा रहा है, कोई लोकल बाडी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू तक पहुंच बना रहा है तो कोई दिल्ली दरबार में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। मेयर पद के दावेदारों की चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक रोजाना दौड़ लग रही है, मगर एक बात चौंकाने वाली बाहर आ रही है। लोकल बाडी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू चाहते हैं कि वह अपनी मर्जी से तीनों निगमों में मेयर बिठाएं ताकि आने वाले समय में सभी नगर निगमों में विकास की रफ्तार तेज हो सके। 

वहीं दूसरी तरफ कैप्टन लाबी चाहती है कि मेयर पद के नामों के बीच सिद्धू की न सुनी जाए और कैप्टन अपनी मर्जी से ही मेयर पदों का ऐलान करें। हालांकि पार्टी स्तर पर मेयर चुनने के अधिकार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को दिए गए हैं, मगर सिद्धू चाहते हैं कि नाम फाइनल होने से पहले उनसे इन नामों पर चर्चा हो। सिद्धू पार्टी के सामने अपने आने वाले 4 सालों का विजन डाक्यूमैंट रख चुके हैं और चाहते हैं कि इस विजन डाक्यूमैंट को सफल बनाने के लिए सभी नगर निगमों में मेयर के पद पर ऐसा व्यक्ति बैठे, जिसके साथ उनकी वेवलैंथ भी बैठे और उसका अक्स भी साफ हो। वहीं कैप्टन लाबी नहीं चाहती कि सिद्धू की मनमर्जी से कोई मेयर पद पर बैठे। 

कैप्टन लाबी मेयर बनाते समय जाति समीकरण को आगे लेकर भी चल रही है। कैप्टन चाहते हैं कि मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर बनाते समय सभी जातियों के समीकरण फिट बैठें ताकि पार्टी आने वाले लोकसभा चुनावों में इसका फायदा उठा सके। मगर सिद्धू इन बातों से सहमत नहीं हैं, वह किसी भी पद को जाति समीकरण में फंसता हुआ नहीं देखना चाहते। उनका विजन है कि इन पदों पर बैठा व्यक्ति अगर अच्छे अक्स का होगा और विकास को प्राथमिकता देगा तो पार्टी खुद ही आने वाले सभी चुनावों को जीत सकती है। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में मेयर पद के नामों को लेकर भी सिद्धू व कैप्टन लाबी में टकराव होने की संभावना है। वहीं मेयर पद के नामों की चर्चा दौरान इस बात को भी अहमियत दी जाएगी कि जिस नेता की जनता के बीच अच्छी पैठ होगी, उसी को आगे लाया जाएगा। मसलन जिसने ज्यादा मतों से जीत प्राप्त की है, उसके नाम को आगे रखा जाएगा। न कि कुछ वोटों से जीतने वाले नेताओं को अहमियत दी जाएगी। 

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