Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 03:32 PM
ऋषि नगर में एक जगह को बेचने के नाम पर अधिकारियों की तरफ से किए गए फ्राड की आवाज स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के दरबार गूंजी है। मंत्री सिद्धू ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ए.सी.एस. वेणु प्रसाद को जांच के आदेश दिए हैं। जिनकी तरफ से 31...
लुधियाना(ऋषि): ऋषि नगर में एक जगह को बेचने के नाम पर अधिकारियों की तरफ से किए गए फ्राड की आवाज स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के दरबार गूंजी है। मंत्री सिद्धू ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ए.सी.एस. वेणु प्रसाद को जांच के आदेश दिए हैं। जिनकी तरफ से 31 अक्तूबर को सस्पैंड ई.ओ., दफ्तर के क्लर्कों और दोनों पार्टियों को तलब किया गया है। नवजोत सिंह सिद्धू को दी शिकायत में जगदीश राय ने बताया कि उनकी तरफ से अप्रैल 2011 में इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट का लगभग 400 वर्ग गज का प्लाट खरीदा गया था।
इस पर घर बनाकर वह परिवार सहित रहने लग पड़े। जिस व्यक्ति से उन्होंने प्लाट खरीदते समय बयाना किया था, वह पूरी रकम लेने के बाद भी 3 वर्षों तक रजिस्ट्री करवाने के लिए टाल-मटोल करता रहा। हारकर उन्होंने वर्ष 2014 में कोर्ट में केस कर दिया। कोर्ट की तरफ से फैसला न किए जाने तक जगह को आगे बेचने, खरीदने और ट्रांसफर करने पर रोक लगाने के लिखित आदेश जारी कर दिए गए। लगभग 2 महीने पहले उन्हें पता चला कि एक महिला ने उनके खिलाफ शिकायत दे दी कि जिस घर में वह रह रहे हैं, वह उसका है, जिसे वर्ष 2016 में वह ट्रस्ट से खरीद चुकी है। इस बात का पता चलने पर उनके होश उड़ गए आखिर इम्पू्रवमैंट ट्रस्ट ने उनके घर को आगे कैसे बेच दिया। उनका आरोप है कि इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के ई.ओ., क्लर्क और अन्य स्टाफ ने मिलीभगत कर उक्त जगह आगे बेच दी। जिसके बाद वे इंसाफ के लिए नवजोत सिंह सिद्धू के पास गए। जिन्होंने तुरंत जांच करने के आदेश दिए। इसके चलते सभी को जांच में शामिल किया गया है।
सस्पैंड ई.ओ. पर गिर सकती है गाज
ए.सी.एस. की तरफ से जिस ई.ओ. को तलब किया गया है,उसे विगत दिनों ही मंत्री सिद्धू की तरफ से करप्शन के केस में सस्पैंड किया जा चुका है। ऐसे में एक और मामला सामने आने पर उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं और उसे बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।