Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Dec, 2017 10:32 AM
नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की बम्पर जीत के बाद स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू जनता से मिले भारी समर्थन के बाद गदगद हैं
जालंधर/अमृतसरः नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की बम्पर जीत के बाद स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू जनता से मिले भारी समर्थन के बाद गदगद हैं लेकिन उन्हें अब अपनी बढ़ी हुई जिम्मेदारी का भी अहसास है। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि अपने मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले तमाम विभागों में वह आने वाले 6 महीनों में तस्वीर बदलने की कोशिश करेंगे। साथ ही उन्होंने राजस्व बढ़ाने के लिए पानी और सीवरेज के बकाया बिलों की वसूली के साथ-साथ मनोरंजन कर लगाने का संकेत भी दे दिया। नवजोत सिंह सिद्धू के साथ ‘पंजाब केसरी’ के संवाददाता रमनदीप सिंह सोढी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं नवजोत सिंह सिद्धू के साथ हुई इंटरव्यू का पूरा ब्यौरा:
प्र. : बिना बजट के बढ़ी हुई जिम्मेदारी को आप कैसे पूरा करेंगे?
उ. : बजट है, पूरा बजट है। शहरी लोगों ने हम पर विश्वास दिखाया है कि पंजाब की आधी आबादी शहरों में बसती है और यह आबादी हमारी इंजन है। हम शहरों में सीवरेज, पानी, स्ट्रीट लाइट, सफाई जैसी सुविधाएं पहल के आधार पर मुहैया करवाएंगे क्योंकि लोग आज भी इन आधारभूत सुविधाओं से वंचित हैं और सरकार में होने के नाते हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि लोगों को जीने की बेहतर सुविधाएं दी जाएं। मैं सीवरेज की ट्रीटमैंट के लिए एक शार्ट टर्म पॉलिसी लेकर आ रहा हूं जबकि एक पॉलिसी लम्बी अवधि के लिए भी लाई जा रही है। जनता को पीने का साफ पानी मुहैया करवाना हमारी जिम्मेदारी है। शुरूआती चरण में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट चालू करवाए जाएंगे और अगले चरण में पंजाब के लोगों को नहरों का मीठा पानी पीने को मिलेगा क्योंकि मौजूदा दौर में ट्यूबवैल के रास्ते जो पानी घरों में पहुंच रहा है वह 40 फीट की गहराई से उठाया जा रहा है जिसमें कई तरह के रसायन मिले हुए हैं और यह रसायन कैंसर का कारण बन रहेहैं।
प्र. : क्या सरकार आपके प्रोजैक्टों के लिए पूरा पैसा दे पाएगी?
उ. : हमें राजस्व के अपने साधन भी पैदा करने होंगे। पहले हम जनता को सुविधाएं देंगे और उसके बाद मनोरंजन कर और अन्य प्रकार के टैक्सों की वसूली कर जनता को और बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। पंजाब में कई स्थानों पर निगमों की जमीनों पर कब्जे हुए हैं, हम वे कब्जे छुड़वाएंगे। कुछ लोगों ने 10 रुपए की लीज पर जमीनें ली हुई हैं, वे जमीनें लेकर उन्हें कमाई का साधन बनाया जाएगा। प्रॉपर्टी टैक्स और पानी के बिल लम्बे समय से बकाया हैं, नगर निगम के इंस्पैक्टर लोगों के घरों में जाते हैं और 50 हजार रुपए के बिल के बदले 5 हजार रुपए की रिश्वत लेकर आ जाते हैं लेकिन बिल लंबित ही खड़ा रह जाता है। हम बिलों की वसूली करवाएंगे। ई-गवर्नैंस के जरिए सेवाएं देकर जनता से फीस ली जाएगी जिससे राजस्व मिलेगा। मैंने एक साल में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट की दशा बदलने, सफाई करने और सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट का काम ठीक करने का लक्ष्य रखा है। सरकार से पंजाब के शहरों में सीवरेज डलवाने के लिए 1500 करोड़ रुपए मंजूर करवाए गए हैं। पिछली सरकार ने पंजाब में 8 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट्स (एस.टी.पी.) बनवाए। ऐसे 64 एस.टी.पी. बनाए गए लेकिन इनमें से काम एक भी नहीं कर रहा। मैंने इस पर पिछले 6 महीनों से काम शुरू किया हुआ है और 13 एस.टी.पी. काम करने लग पड़े हैं। मैं 6 माह में दशा बदलूंगा और 30 से 40 एस.टी.पी. काम करने की स्थिति में ले आऊंगा और सारे एस.टी.पी. ठीक करवाने के बाद ही नए एस.टी.पी. लगवाने की तरफ कदम बढ़ाऊंगा।
प्र. : गुजरात और हिमाचल में कांग्रेस की हार को आप किस रूप में देखते हैं?
उ. : यह हार जीत से भी बड़ी जीत है। कांग्रेस और उसके सहयोगियों को उस राज्य में 80 सीटें मिली हैं जहां भाजपा को टक्कर देने की कोई सोच भी नहीं सकता। राहुल गांधी का राजनीतिक करियर इस समय चढ़ाई की तरफ है और लोग उन्हें सुन रहे हैं। पार्टी पर संकट की घड़ी में राहुल एक जरनैल की तरह सीना तानकर खड़े हो गए हैं और उनका नेतृत्व लगातार निखर रहा है। प्रधान बनने के बाद उनमें काफी बड़े बदलाव आए हैं।
प्र. : क्या सहयोगी दलों में राहुल स्वीकार्य होंगे?
उ. : देश के राजनीतिक परिदृश्य में अब तक विकल्प की कमी खल रही थी लेकिन राहुल के रूप में अब 2019 के लिए एक राजनीतिक विकल्प मिल गया है। वह ऐसा किरदार हैं जो अपने राजनीतिक विरोधियों का भी सम्मान करना जानते हैं। हाल ही में उन्होंने राजनीतिक परिपक्वता दिखाई है और इससे देश की सारी सियासी पाॢटयों को राजनीतिक संदेश गया है। वह तोडऩे वाले नेता नहीं हैं बल्कि जोडऩे वाले नेता हैं और आग लगाने की बजाय आग बुझाने वाले युवा नेता है। युवा उन्हें स्वीकार कर रहे हैं और आने वाला वक्त उनके लिए सुनहरा होने वाला है।
प्र. : निगम चुनाव में मिली बम्पर जीत का कारण क्या रहा?
उ. : सबसे बड़ा कारण है कि पंजाब की जनता समझदार है। जनता को पता है कि यदि पंजाब में सरकार कांग्रेस की है और शहरों में मेयर विरोधी पार्टी के बनवा दिए तो दोनों में तालमेल नहीं बैठेगा। हम वहां से फंड भेजते रहेंगे और नीचे मेयर इन फंडों का गबन करते रहेंगे जिससे विकास का चक्र रुक जाएगा। लिहाजा पंजाब की जनता ने समझदारी दिखाते हुए सत्ता के इस चक्र को पूरा किया है और राज्य में सरकार बनाने के साथ स्थानीय स्तर पर भी कांग्रेस की सरकार बनवाई है जिसके लिए मैं जनता का आभारी हूं और जनता को विश्वास दिलाता हूं कि जिस भरोसे के साथ जनता ने कांग्रेस को यह मौका दिया है, उस पर खरा उतरने का हम पूरा प्रयास करेंगे क्योंकि जनता ने हमें सफल बनाकर गेंद अब हमारे पाले में डाल दी है।
प्र. : आपके विभाग में भ्रष्टाचार फैला हुआ है, उसे कैसे दूर करेंगे?
उ. : अपराधी को अपराध का भय होना चाहिए। वह अपराध करना खुद छोड़ देता है। आप दुबई चले जाइए, वहां चोरी करने पर हाथ काट दिए जाते हैं और नशा बेचने पर आपको सरेआम सजा दी जाती है। मैंने अपने विभाग में सख्ती की है और कुछ अफसरों को निलंबित भी किया गया है। मैं अच्छा काम करने वाले अफसरों को प्रोत्साहित कर रहा हूं ताकि व्यवस्था में पारदॢशता आ सके। हम इसी तरीके से सिस्टम की सफाई कर सकते हैं। मैं भ्रष्ट अफसरों और नेताओं का नैक्सस तोडऩे की कोशिश कर रहा हूं। इसी के तहत नवांशहर और जीरकपुर में अफसरों के तबादले किए गए। हम यह पारदॢशता सिर्फ अफसरों के स्तर पर ही नहीं ला रहे बल्कि मंत्रियों और नेताओं को भी पारदॢशता की तरफ ले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने एक विदेशी कम्पनी को 4 नगर निगमों और 4 इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों के ऑडिट का ठेका दिया है। पिछले 10 सालों में इनका ऑडिट नहीं हुआ था, लिहाजा जनता को पता ही नहीं कि कितने पैसे आ रहे हैं और कितना खर्च हो रहा है। हम इस कम्पनी की ऑडिट रिपोर्ट जनता के सामने रखेंगे ताकि जनता को पता चल सके कि सरकार को कितना राजस्व हासिल हो रहा है और वह कितना पैसा किस मद में खर्च कर रही है।
प्र. : अमृतसर, जालंधर शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सख्त जरूरत है, सरकार क्या कर रही है?
उ. : अमृतसर में पिछली सरकार ने बिना आधारभूत ढांचे को तैयार किए बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट को लागू कर दिया लेकिन यह प्रोजैक्ट फेल हो गया क्योंकि बस के लिए लोगों को आधा-आधा घंटा इंतजार करना पड़ता है। यह इंतजार तब खत्म होगा जब वहां पर 7 सड़कें इक_ी बनेंगी और इन पर एक साथ बसें चलेंगी। लोगों को 2 या 3 मिनट से ज्यादा बस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा लेकिन चुनाव को देखते हुए सुखबीर बादल ने इसे प्रीमैच्योर बेबी की तरह शुरू करवा दिया जोकि बाद में फेल हो गई। जालंधर में भी आधारभूत ढांचे के बिना यह योजना शुरू होनी मुश्किल है। हम स्थानीय स्तर पर ऑटो चलाने वाले लोगों को फंड देकर नए सी.एन.जी. ऑटो डालने के लिए कह सकते हैं क्योंकि यदि हम ट्रांसपोर्ट सिस्टम शुरू करते हैं तो उनका रोजगार बंद होगा और हम किसी का रोजगार बंद करने के पक्ष में नहीं हैं।
प्र. : पंजाब में फायर ब्रिगेड की स्थिति खराब है, उस पर क्या हो रहा है?
उ. : पिछली सरकार को डिजास्टर मैनेजमैंट के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट मिला था लेकिन 10 साल में सिर्फ 17 करोड़ रुपए खर्च किए गए। सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी जिस कारण प्रोजैक्ट बन नहीं पाए और पंजाब के लोगों की जान को संकट में डाला गया। अब मैंने 250 करोड़ रुपए का प्रोजैक्ट डिजास्टर मैनेजमैंट के लिए अप्लाई किया है। हम पंजाब के बड़े शहरों में आग बुझाने के लिए हाइड्रोलिक सीढ़ी वाली गाडिय़ां ला रहे हैं। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों के पास फायर सूट नहीं हंै। हम वे सूट मुहैया करवाएंगे। इसके अलावा पंजाब में फायर प्रिवैंशन एक्ट लाया जा रहा है। इस एक्ट के तहत राज्य में किसी भी इमारत कोतब तक मंजूरी नहीं मिलेगी जब तक उसमें आग बुझाने के पूरे प्रबंध नहीं होंगे।
प्र. : जालंधर में 446 पार्क हैं लेकिन सैर करने लायक सिर्फ 15 हैं, इस दिशा में क्या काम हो रहा है?
उ. : पार्क हो या पार्किंग, हर जगह काम करने की जरूरत है। जालंधर में 500 पार्किंग का स्कोप है। इससे पैसा भी इक_ा हो सकता है लेकिन फिलहाल यह सारा पैसा पूर्व मंत्रियों के करीबियों की जेब में जा रहा है और उन्होंने लम्बी अवधि के ठेके ले रखे हैं। हरियाणा 82 शहरों में आऊटडोर विज्ञापन के जरिए 300 करोड़ रुपए का राजस्व इक_ा करता है और हम 164 शहरों में 15 करोड़ रुपए इक_ा कर रहे थे। पिछली सरकार को इस बात के लिए थोड़ी भी शर्म नहीं आई। विज्ञापन के जिस बोर्ड के लिए नगर निगम को 20 हजार रुपए मिल रहे थे, उस बोर्ड के जरिए ठेकेदार 20 लाख रुपए कमा रहा था। मैं कैबिनेट में विज्ञापन पॉलिसी लेकर आ रहा हूं और एक महीने के भीतर इस नई नीति को पंजाब में लागू किया जाएगा। लोगों ने हमें फतवा दिया है। यदि हम जनता द्वारा दिए गए फतवे के बाद उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे तो काला झंडा भी उठाना पड़ेगा।
प्र. : आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन पर आप क्या कहेंगे?
उ. : विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी का नारा था केजरीवाल-केजरीवाल सारा पंजाब तेरे नाल। चुनाव के बाद यह नारा बदल गया और लोग कहने लगे केजरीवाल-केजरीवाल आह की हो गया तेरे नाल। अब तो केजरीवाल की हालत इससे भी बदतर हो गई है। पंजाब के नगर निगमों में उनके उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो गईं और पंजाब के लोगों ने इन्हें 10 सीटें भी नहीं दीं। मुझे लगता है कि आम आदमी पार्टी का पंजाब में राजनीतिक चैप्टर बंद होने जा रहा है।
प्र. : सुखबीर बादल का आरोप है कि निगम चुनावों में कांग्रेस ने धक्केशाही की है, आप क्या कहेंगे?
उ. : 2012 में नगर निगम चुनाव के दौरान अमृतसर में अकाली दल ने 18 पार्षदों को पीटा था और अकाली दल के गुंडों ने धक्के से पार्षदों को पार्टी में शामिल करवाया। उस वक्त इन लोगों को शर्म क्यों नहीं आई? सरकार और सत्ता में होने का अहंकार ऐसा सवार था कि जीते व्यक्ति को इन लोगों ने हार के प्रमाण पत्र दिए लेकिन मैंने इस बार कहा कि अमृतसर में चुनाव पूरी तरह पारदर्शी होना चाहिए। सुखबीर बादल के पल्ले फूटी कौड़ी नहीं है और नाम उनका करोड़ीमल है।
प्र. : सुखबीर के धरनों पर आप क्या कहेंगे?
उ.: यदि आपने कोई प्रदर्शन करना है तो आप लोगों को तंग क्यों करते हो? जापान में यदि किसी ने विरोध दर्ज करवाना हो तो फैक्टरी में काम करने वाले लोग एक ही पैर के जूते बनाते जाते हैं लेकिन वह न तो अपना काम रोकते हैं और न ही लोगों का।
प्र. : सुखबीर का कहना है कि सरकार धरनों के आगे झुक गई, आप क्या कहेंगे?
उ. : सरकार ने पुलिस को चेतावनी जारी करके कहा था कि किसी से डरने की जरूरत नहीं है और अफसरों ने सरकार की इस चेतावनी को समझ भी लिया था।