Edited By Updated: 05 Dec, 2016 12:05 PM
नाभा जेल कांड के बाद भी पंजाब पुलिस ने चौकसी बरतने के कदम केवल कागजों में ही उठाए हैं। सार्वजनिक रूप से कहीं से भी पुलिस की
जालंधर(धवन): नाभा जेल कांड के बाद भी पंजाब पुलिस ने चौकसी बरतने के कदम केवल कागजों में ही उठाए हैं। सार्वजनिक रूप से कहीं से भी पुलिस की मुस्तैदी के प्रमाण दिखाई नहीं देते हैं। पंजाब कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुनील जाखड़ ने कहा कि शहरों में दिन-दिहाड़े अपराध हो रहे हैं।
अबोहर की शाम विहार कालोनी में दिन-दिहाड़े हुई चोरी से पीड़ित परिवार ने जाखड़ से मुलाकात की। उस समय यह परिवार दिल्ली में अपने बेटे को छोडऩे के लिए गया हुआ था। पुलिस अभी तक अपराधियों का पता नहीं लगा सकी। परिवाजनों ने जाखड़ को सी.सी.टी.वी. फुटेज दिखाए जिसमें चोरों की गतिविधियां कैद हुई थीं। उन्होंने कहा कि नाभा कांड के बाद पुलिस मुख्यालय ने दावा किया था कि सभी महत्वपूर्ण व संवेदनशील स्थानों पर पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए हैं और पुलिस को गश्त तेज करने के निर्देश दिए गए हैं परंतु अभी तक बस स्टैंड, व रेलवे स्टेशन व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा का अभाव देखा जा रहा है।
विधानसभा चुनाव निकट आ रहे हैं जिस कारण जनता भयभीत है। पुलिस गश्त मात्र कागजों तक सिमट कर रह गई है। बीते सप्ताह अबोहर-श्री गंगानगर मार्ग पर श्रीकरणपुर के एक किसान से बंदूक की नोक पर फार्चूनर गाड़ी व 2 लाख रुपए लूट लिए गए। उसके बाद आलमगढ़ पैट्रोल पम्प के निकट उसके कर्मचारियों से हथियार की नोक पर लूट-मार की गई। पंजाब व सिंध बैंक की शाखा से साढ़े 6 लाख रुपए चुराए गए परंतु किसी का सुराग नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अधिकतर पुलिस कर्मचारी मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में तैनात कर दिए जाते हैं। शेष बचते कर्मचारी जलालाबाद में चल रहे कर्मचारियों के आंदोलन से निपटने में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि गृह विभाग का कार्यभार उप मुख्यमंत्री के हाथों में है परंतु पुलिस के राजनीतिकरण के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। सरकार से जनता का भरोसा उठ चुका है।