Edited By Updated: 14 Jan, 2017 01:22 PM
विधानसभा चुनावों के शोर में नाभा जेल ब्रेक मामला भी दब कर रह गया है। डेढ़ महीने बाद भी फरार आतंकवादी कश्मीर सिंह और गैंगस्टरों का
पटियाला(बलजिन्द्र) : विधानसभा चुनावों के शोर में नाभा जेल ब्रेक मामला भी दब कर रह गया है। डेढ़ महीने बाद भी फरार आतंकवादी कश्मीर सिंह और गैंगस्टरों का कुछ अता-पता नहीं चला। दूसरी तरफ पुलिस भी शांत हुई नजर आ रही है क्योंकि जिन अधिकारियों के कार्यकाल में यह कांड हुआ था, वे लगभग बदल चुके हैं और नए अधिकारियों की तरफ से इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही। एक तरह से पूरा मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया है। हालांकि पिछले पूरे महीने में ही नाभा जेल ब्रेक को लेकर सरगर्मियां बड़े स्तर पर हुईं, परंतु समय बीतने के साथ ही सारा कुछ फीका पड़ गया। जबकि विरोधी गुट की तरफ से पहले ही शंका जाहिर की गई थी कि फरार गैंगस्टर चुनावों के दौरान गड़बड़ कर सकते हैं।
स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम के तीनों ही अधिकारी बदले
पंजाब सरकार की तरफ से नाभा जेल ब्रेक की जांच के लिए बनाई गई स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम के तीनों ही मुख्य अधिकारियों का तबादला हो चुका है। आई.जी. परमराज सिंह उमरानंगल, डी.आई.जी. अमर सिंह चहल और एस.एस.पी. गुरमीत सिंह चौहान का तबादला हो चुका है। लिहाजा नए आए अधिकारियों की तरफ से इस मामले में कुछ ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही जिस कारण मामला ठंडा पड़ता नजर आ रहा है।
पुलिस भी चुनावों में व्यस्त हुई
पुलिस भी विधानसभा चुनाव में व्यस्त हो गई। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस द्वारा ड्यूटियां बढ़ा दी गई हैं। लिहाजा पुलिस का ध्यान अब इस मुद्दे से हट गया है क्योंकि पुलिस के लिए नाभा जेल ब्रेक से ज्यादा शांतिपूर्ण चुनाव करवाना ज्यादा महत्वपूर्ण है जिस कारण पुलिस का ज्यादा ध्यान अब विधानसभा चुनावों पर है।