Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 01:32 PM
विश्व प्रसिद्ध पंजाब की प्रसिद्ध मैक्सीमम सिक्योरिटी जेल (जहां आतंकवादी, विदेशी हवालाती, कैदी और खतरनाक मुजरिम रखे जाते रहे हैं) में 27 नवम्बर 2016 को घटी घटना ने बादल सरकार को बहुत बड़ा झटका दिया था।
नाभा(जैन) : विश्व प्रसिद्ध पंजाब की प्रसिद्ध मैक्सीमम सिक्योरिटी जेल (जहां आतंकवादी, विदेशी हवालाती, कैदी और खतरनाक मुजरिम रखे जाते रहे हैं) में 27 नवम्बर 2016 को घटी घटना ने बादल सरकार को बहुत बड़ा झटका दिया था। जेल ब्रेक के साथ गैंगस्टर विक्की गौंडर, गुरप्रीत सेखों, कुलप्रीत (नीटा दयोल), अमनदीप ढोंडिया, कश्मीर सिंह और हरपिंद्र मिंटा (खालिस्तान कमांडो फोर्स प्रमुख) के दिन-दिहाड़े फरार होने की घटना ने साबित कर दिया था कि प्रदेश के गृह मंत्रालय और खुफिया तंत्र में आपसी तालमेल नहीं है और न ही खुफिया एजैंसियां चौकस हैं।
इस घटना को घटे 241 दिनों के बाद भी गैंगस्टर विक्की गौंडर और आतंकवादी कश्मीर सिंह अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके हैं। के.एल.एफ. प्रमुख मिंटू तो दिल्ली पुलिस की पकड़ में 24 घंटों के अंदर ही आ गया था जबकि इस जेल ब्रेक कांड में शामिल पलविंद्र पिंदा को यू.पी. पुलिस ने गिरफ्तार किया था जो हथकडिय़ों समेत स्थानीय सिविल अस्पताल में से 29 मार्च को पुलिस कस्टडी में से फरार हो गया था। ऐसे ही फरार हुए गैंगस्टर गुरप्रीत सेखों ने 3 अन्य साथियों मनवीर सेखों, राजविंद्र सिंह राजा उर्फ सुल्तान और कुलविंद्र टिम्बरी के साथ दिसम्बर के अंतिम हफ्ते राजस्थान के कोटा शहर में किराए पर फ्लैट लिया और एक महीना घूमते फिरते रहे परंतु खुफिया तंत्र को कोई जानकारी नहीं मिली।
एस.आई.टी. के गठन के बाद अब तक पुलिस दूसरे प्रदेशों की पुलिस के तालमेल के साथ कुल 26 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनके नाम फरार गैंगस्टर गुरप्रीत सेखों, नीटा दयोल, अमनदीप ढोंडिया और खालिस्तानी आतंकवादी हरमिंद्र मिंटा, सहायक सुपरिंटैंडैंट भीम सिंह, हैड वार्डन जगमीत सिंह, पलविंद्र पिंदा, चरणप्रीत चांद, हरजोत सिंह, रणजीत सिंह, रमनदीप, गुरप्रीत मांगेवाल, तेजिंद्र शर्मा, बिक्कर सिंह मुदकी, जगतवीर सिंह जगता, नरेश नारंग (हनुमानगढ़), मोहम्मद आसीम उत्तराखंड, सुनील कालड़ा, मनवीर सिंह सेखों, राजविन्द्र सिंह, किरणपाल सिंह (पंजाब गन हाऊस मोगा), कुलविंद्र सिंह, सुखचैन सिंह, अमन कुमार (कुरुक्षेत्र), रविंद्र सिंह और वरिंद्र सिंह (रिक्की सहोता) हैं।
वर्णनीय है कि कुलप्रीत सिंह उर्फ नीटा को पुलिस ने इंदौर के एक फ्लैट में से खतरनाक अपराधी सुनील कालड़ा के साथ गिरफ्तार किया था जबकि सहायक सुपरिंटैंडैंट, हैड वार्डन और तेजिंद्र शर्मा को जेल ब्रेक के 48 घंटों बाद गिरफ्तार किया था। डी.एस.पी. चंद सिंह के अनुसार 23 व्यक्तियों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किए गए और एडिशनल सैशन कोर्ट में चार्ज फ्रेम हो गए हैं जबकि 3 आरोपियों के खिलाफ चालान अभी पेश करने हैं।
पुलिस के अनुसार जेल ब्रेक कांड के लिए मुजरिमों को अमन कुमार ने वॢदयां मुहैया करवाई थीं जबकि रविंद्र्र सिंह को हथकडिय़ां लगा कर जेल काम्पलैक्स में लाया गया था कि इस हवालाती को जेल में बंद करवाना है। उच्च पुलिस अधिकारियों के अनुसार फरार हुए आतंकवादी कश्मीर सिंह और गैंगस्टर विक्की गौंडर के अलावा साजिश में शामिल प्रेम सिंह लाहौरी, हैरी चट्ठआ और गोपी घनश्याम समेत 10 खतरनाक गैंगस्टरों की पुलिस तलाश कर रही हैं जो जल्दी ही सलाखों के पीछे होंगे। सूत्रों के अनुसार विक्की गौंडर बारे अभी तक पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा और खुफिया तंत्र फेल होकर रह गया है। जेल ब्रेक कांड के बावजूद गृह मंत्रालय ने कोई गंभीर कदम नहीं उठाया। कुछ दिन पहले इस जेल के सैंट्रल टावर पर चढ़ कर एक कैदी ने आत्महत्या कर ली थी जो जेल विभाग के लिए शर्मनाक कांड था।