नाभा जेल में 11 गैंगस्टर इकट्ठा होने से हो सकती है बड़ी वारदात

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jan, 2018 12:21 PM

nabha jail

पहली बारी नाभा जेल 21 सितम्बर 2006 को उस समय मीडिया में चर्चा का केंद्र बनी थी जब खतरनाक आतंकवादी दया सिंह लाहौरिया (जो कि पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सिरसा के भतीजे को अगवा करने और ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रधान मनिंद्रजीत सिंह बिट्टा पर...

नाभा(जैन): पहली बारी नाभा जेल 21 सितम्बर 2006 को उस समय मीडिया में चर्चा का केंद्र बनी थी जब खतरनाक आतंकवादी दया सिंह लाहौरिया (जो कि पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सिरसा के भतीजे को अगवा करने और ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रधान मनिंद्रजीत सिंह बिट्टा पर कातिलाना हमले की साजिश शामिल था) से जेल की बैरक में मोबाइल, सिम कार्ड और बैटरी बरामद हुई थी। दूसरी बारी 27 नवम्बर 2016 को जेल ब्रेक कांड के समय इस जेल की विश्व भर में चर्चा हुई परन्तु अब फिर इस जेल में खतरनाक आतंकवादियों और अलग-अलग ग्रुपों के खतरनाक गैंगस्टर इकट्ठा हो गए हैं, जिसके चलते किसी भी समय कोई असुखद वारदात जेल में जेल विभाग की कथित अनदेखी के कारण घट सकती है। 

इस समय नाभा जेल में हिन्दू शिवसेना/आर.एस.एस. नेता और हिन्दू नेताओं पर हुए हमलों/टारगेट किङ्क्षलग मामलों में गिरफ्तार गैंगस्टर हरदीप सिंह शेर, रमनदीप सिंह बग्गा, अजैब खान, फतेह सिंह, अमरीक मराडो, गुरजीत उर्फ भाटी, लखवीर उर्फ राणा, सुखवीर पुत्र नराता, कुलप्रीत सिंह दयोल उर्फ नीटा, करनवीर सिंह, शमशेर सिंह उर्फ शेर आदि 11 हवालाती/कैदी पहुंच गए हैं। जबकि ब्रिटिश नागरिक जगतार जग्गी जोहल जिसे पंजाब पुलिस ने 2 महीने पहले गिरफ्तार किया था 10 दिन पहले यहां जेल में पहुंच चुका है। डी.जी.पी. पंजाब सुरेश अरोड़ा ने 2 महीने पहले ही स्पष्ट किया था कि हिन्दू नेताओं की हत्याओं के लिए विदेशों से फंङ्क्षडग होती थी। खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स के चीफ हरमिंद्र सिंह उर्फ मिंटू के खतरनाक गैंगस्टर हरदीप सिंह उर्फ शेर के साथ 3 साल पहले इटली में संबंध कायम हुए थे। 

सूत्रों के अनुसार गैंगस्टर और आतंकवादी नाभा की इस जेल को अपने लिए सुरक्षित समझते हैं क्योंकि इस जेल में पिछले कई महीने से जेल कॉम्पलैक्स का सबसे ऊंचा सैंट्रल वॉच टावर खाली पड़ा है। कोई सुरक्षा मुलाजिम तैनात नहीं। पहले उम्रकैद सजा भुगतने वाले कैदी ड्यूटी देते थे परंतु कुछ महीने पहले कैदी ने ड्यूटी के दौरान टावर पर ही खुदकुशी कर ली थी, उसके बाद सिपाही या कैदी तैनात नहीं किया गया। नाभा जेल ब्रेक कांड के 13 महीनों बाद भी जेल की सुरक्षा में कई कमियां हैं। पंजाब सरकार ने एक सप्ताह पहले 31 नए जेल वार्डनों की नियुक्तियां यहां कीं जो कि अब प्रशिक्षण पर भेज दिए गए हैं, जिस संबंधी जेल प्रशासन के साथ आज शाम संपर्क किया तो डिप्टी सुपरिटैंडैंट राहुल राजा ने माना कि नए वार्डनों को 3 महीनों के लिए प्रशिक्षण पर भेजा गया है। दूसरी तरफ सरकार ने पंजाब पुलिस के एक सीनियर इंस्पैक्टर सोहन लाल को इस जेल में डिप्टी सुपरिटैंडैंट (सुरक्षा) तैनात कर दिया है जिसने चार्ज संभाल लिया। जेल में 10 बिस्तरों वाला अस्पताल है परंतु 24 घंटे डाक्टर तैनात नहीं होता। 

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