Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 04:25 PM
नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मी को दिए 10 लाख वसूलने के लिए इंसान से हैवान बने फैक्टरी मालिकों द्वारा युवक को अगवा कर इतना प्रताडि़त
लुधियाना(पंकज): नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मी को दिए 10 लाख वसूलने के लिए इंसान से हैवान बने फैक्टरी मालिकों द्वारा युवक को अगवा कर इतना प्रताडि़त किया कि उसकी मौत हो गई। वारदात उपरांत फैक्टरी मालिक फरार हो गए व पुलिस को घटना का पता हत्या के कई घंटों बाद चल पाया।
फोकल प्वाइंट फेस-8 स्थित प्लास्टिक की कुर्सियां बनाने वाली फैक्टरी लक्ष्मी इंटरप्राइजिज के मालिकों संदीप जैन, प्रदीप जैन व 2 अन्यों ने नोटबंदी दौरान एक प्राइवेट बैंक में काम करने वाले हरीश कुमार (25) पुत्र चंद्र भान को 10 लाख रुपए की करंसी बदलवाने के लिए दी थी परन्तु हरीश ने उक्त करंसी कहीं और खर्च कर दी व जब फैक्टरी मालिकों ने रकम लौटाने के लिए कहा तो उसने पैसे खर्च हो जाने की बात कहकर उन्हें टालना शुरू कर दिया।इसी बात से गुस्साए उद्यमियों ने रकम वापस लेने के लिए हरीश पर दबाव बनाना शुरू कर दिया व उसके मां-बाप को अगवा कर कई दिनों तक अपनी फैक्टरी में बंधक बनाए रखा जिस कारण हरीश ने अपने एक प्लाट की रजिस्ट्री उद्यमियों को करवा दी व बाकी पैसे शीघ्र देने का वायदा कर मां-बाप को छुड़वा कर ले गया परन्तु उद्यमी भाई उस पर बाकी रकम वापस करने के लिए लगातार दबाव बनाते रहे।
रविवार सुबह उद्यमी भाइयों ने हरीश को अगवा कर लिया व अपनी फैक्टरी में ले आए। आरोपियों ने हरीश को इतने बुरे तरीके से टार्चर किया कि उसकी मौत हो गई। हरीश की मौत से घबराए आरोपी उसकी लाश फैक्टरी में ही छोड़कर फरार हो गए। घटना के लगभग 12 घंटे बाद किसी ने पुलिस को जानकारी दी तो सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे व लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हालांकि पूरे मामले पर पुलिस चुप्पी साधे हुए है। पुलिस ने मृतक के भाइयों के बयानों पर इंडस्ट्री के संदीप जैन, प्रदीप जैन सहित अन्यों के खिलाफ अपहरण व हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।