Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jan, 2018 09:23 AM
पंजाब में भारी बहुमत के साथ सरकार बनने के बाद पठानकोट लोकसभा चुनाव व सभी नगर निगम चुनाव में जीत मिलने से उत्साहित कांग्रेस ने लुधियाना में भी परचम लहराने का दावा तो कर दिया है
लुधियाना (हितेश): पंजाब में भारी बहुमत के साथ सरकार बनने के बाद पठानकोट लोकसभा चुनाव व सभी नगर निगम चुनाव में जीत मिलने से उत्साहित कांग्रेस ने लुधियाना में भी परचम लहराने का दावा तो कर दिया है लेकिन यह टार्गेट हासिल करना अब इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि कांग्रेस को यहां अकाली दल व भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी व बैंस ग्रुप के गठबंधन के साथ मुकाबला करना पड़ेगा।
यहां बताना उचित होगा कि इस समय महानगर के जिन एरिया में नगर निगम चुनाव होने जा रहे हैं, उनके अधीन आती 4 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि 2 सीटों पर बैंस ब्रदर्स व एक सीट पर अकाली दल को जीत मिली हुई है। इन सभी सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव अकाली दल व भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी व बैंस ग्रुप ने मिलकर लड़ा था। लेकिन बाकी जिलों में हुए नगर निगम चुनाव के दौरान यह गठजोड़ कांग्रेस का मुकाबला करने में नाकाम रहे। हालांकि अपनी हार को विरोधी पाॢटयां कांग्रेस की धक्केशाही का नाम दे रही हैं और उन्होंने
लुधियाना में कांग्रेस का डटकर मुकाबला करने का ऐलान किया है। लेकिन शुरूआती दौर में चारों पाॢटयों की इस रणनीति पर आपसी खींचतान भारी पड़ती नजर आई। इसके तहत पहले भाजपा ने अकाली दल के साथ गठबंधन में आधी सीटें मिलने के बावजूद सारे 95 वार्डों में टिकट देने के लिए आवेदन मांग लिए इससे चर्चा छिड़ गई कि भाजपा द्वारा अकाली दल से अलग होकर चुनाव लडऩे की तैयारी की जा रही है।
इसी तरह आम आदमी पार्टी व बैंस ग्रुप में भी तकरार जगजाहिर हो गई। इसके तहत बैंस द्वारा आम आदमी पार्टी के हिस्से वाले विधानसभा एरिया में अपने उम्मीदवारों को हरी झंडी दी तो आप के जिला अध्यक्ष ने खुलेआम विरोध किया जिस कारण एक बार तो गठबंधन टूटने की कगार पर पहुंच गया था। लेकिन अब शायद इन सभी पाॢटयों को समझ आ गया है कि उनकी लड़ाई का फायदा सीधे तौर पर कांग्रेस को मिलेगा। इसके मद्देनजर अकाली दल व भाजपा के बाद अब आम आदमी पार्टी व बैंस ग्रुप ने मिलकर चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है।
आप व बैंस ग्रुप ने सीटों के बंटवारे के लिए बनाई कमेटी
भाजपा ने सफाई दी है कि उसने तो अपने वर्करों की ताकत चैक करने के लिए सभी वार्डों से आवेदन मांगे हैं जिस पर अकाली दल ने आवेदन न लेने का फैसला करते हुए भाजपा लीडरशिप के साथ बैठकर सीटों का बंटवारा करने का ऐलान कर दिया है। इसी तरह आम आदमी पार्टी व बैंस ग्रुप ने भी मिलकर चुनाव लडऩे का ऐलान करते हुए सीटों के बंटवारे के लिए दोनों पाॢटयों के लीडरों की कमेटी बना दी है। जहां तक ‘आप’ के हिस्से वाले विधानसभा एरिया में उम्मीदवार खड़े करने का सवाल है, उसे लेकर बैंस ने साफ कर दिया है कि मजबूत चेहरे देने के लिए आपस में सीटों को बदला जा सकता है।
आसान नहीं होगी कांग्रेस की राह
उपरोक्त पहलुओं के मद्देनजर यह कहना गलत नहीं होगा कि अपनी मर्जी की वॉर्डबंदी करवाने के बाद आसानी से नगर निगम चुनाव जीतने का जो सपना कांग्रेस ने देखा है, वो इतनी आसानी से पूरा होता नजर नहीं आ रहा। एक तो अब उसका मुकाबला 2 गठजोड़ के साथ होगा और यह चारों ही पार्टियों द्वारा कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ मजबूत चेहरे उतारने के लिए पूरा ग्राऊंड वर्क किया जा रहा है।