निगम चुनाव : बैंस से दोस्ती का दाग धोने के लिए सिद्धू को मिल सकती है लुधियाना की कमान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 02:17 PM

municipal elections

आगामी नगर निगम चुनावों को लेकर भले ही कांग्रेस की तरफ से सांसद रवनीत बिट्टू व विधायक भारत भूषण आशु की टीम काफी सक्रिय है। लेकिन बैंस ब्रदर्ज के साथ दोस्ती बारे लग रहे आरोपों के बीच लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू को लुधियाना की कमान सौंपे जाने की...

लुधियाना(हितेश): आगामी नगर निगम चुनावों को लेकर भले ही कांग्रेस की तरफ से सांसद रवनीत बिट्टू व विधायक भारत भूषण आशु की टीम काफी सक्रिय है। लेकिन बैंस ब्रदर्ज के साथ दोस्ती बारे लग रहे आरोपों के बीच लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू को लुधियाना की कमान सौंपे जाने की चर्चा शुरू हो गई है। अगर लुधियाना में कांग्रेस के ढांचे की बात करें तो बिट्टू, आशु के अलावा विधायक सुरेन्द्र डाबर, राकेश पांडे, संजय तलवाड़ तथा हलका इंचार्जों में भुपिन्द्र सिद्धू, कमलजीत कड़वल व सतविन्द्र बिट्टी द्वारा अपने एरिया में अब से ही निगम चुनावों को लेकर गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं जबकि सरकार की तरफ से सेहत मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा को औपचारिक तौर पर लुधियाना का इंचार्ज लगाया हुआ है।

सिद्धू पर बैंस ब्रदर्ज के साथ पुरानी दोस्ती निभाने के लगते हैं आरोप 
इस दौर में कांग्रेस के सामने बाकी जिलों के मुकाबले अकाली-भाजपा के अलावा बैंस ब्रदर्ज व आम आदमी पार्टी के गठजोड़ की भी चुनौती है, क्योंकि भले ही शहर में अकाली-भाजपा का एक भी विधायक नहीं जीता। जबकि बैंस व आप के गठजोड़ ने विधानसभा चुनावों में 2 सीटों पर जीत हासिल करने के अलावा बाकी सीटों पर उनके उम्मीदवारों ने अकाली-भाजपा को टक्कर देते हुए भारी वोटें हासिल की थीं। उपरोक्त पहलुओं के मद्देनजर निगम चुनावों में सिद्धू को लुधियाना की कमान सौंपने की चर्चा चल रही है, क्योंकि उनके द्वारा अकाली-भाजपा को रगड़े लगाने की तस्वीर तो गुरदासपुर में साफ हो चुकी है जबकि सिद्धू पर बैंस ब्रदर्ज के साथ पुरानी दोस्ती निभाने के आरोप भी लगते हैं। ऐसे में लुधियाना का इंचार्ज लगने पर बैंस के प्रति नर्मी बरतने की जगह कांग्रेस को जीत दिलाना सिद्धू के लिए चुनौती बन जाएगी।

अधर में लटके विकास कार्यों के लिए जल्द जारी होगा फंड
जब विधानसभा चुनावों में रिकार्डतोड़ बहुमत मिलने पर कांग्रेस की सरकार बनी तो यह चर्चा शुरू हो गई कि माहौल को भुनाने के लिए अकाली-भाजपा की तरह समय से पहले नगर निगम चुनाव करवा लिए जाएं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बल्कि सितम्बर में नगर निगमों का कार्यकाल खत्म होने के बावजूद चुनाव पैंडिंग कर दिए गए। जिसे विकास कार्यों से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि अकाली-भाजपा सरकार के समय 413 करोड़ की लागत से जो विकास कार्य शुरू करवाए गए थे, उनमें से काफी विकास कार्य तो चुनाव कोड लगने व सड़कें बनाने के अधिकतर काम तापमान डाऊन होने के कारण पूरे नहीं हो पाए। फिर सरकार बदलने पर कांग्रेस ने 84 करोड़ के फंड का प्रयोग करने पर रोक लगाते हुए पहले हुए कामों की जांच के आदेश जारी कर दिए। इसके तहत सिंगल टैंडर की अलॉटमैंट के आरोप में 3 सुपरिंटैंडैंट इंजीनियरों को सस्पैंड भी किया गया। ऊपर से, पेमैंट न मिलने के विरोध में ठेकेदारों ने हड़ताल की हुई है। ऐसे में विकास कार्य ठप्प रहने से लोगों को परेशानी होने के मुद्दे पर विपक्ष ने निशाना साधा तो सरकार ने पहले जरूरी काम पूरे करवाने का फैसला किया। इसके लिए 135 करोड़ की डिमांड भेजी गई। उसे रिलीज करने का मुद्दा कांग्रेस एम.पी. व विधायकों ने पिछले दिनों सी.एम. व सिद्धू के सामने उठाया तो अफसरों को इस संबंधी निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!