Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 01:31 PM
नगर निगम चुनाव को लेकर भले ही विरोधी पार्टियों द्वारा कांग्रेस पर अपने सियासी फायदे के मुताबिक वार्डबंदी करने के आरोप लगाए जा रहे हैं लेकिन साथ ही ये सभी पार्टियां वार्डबंदी का प्रभाव कम करने के लिए मजबूत उम्मीदवरों की तलाश में जुट गई हैं।
लुधियाना (हितेश): नगर निगम चुनाव को लेकर भले ही विरोधी पार्टियों द्वारा कांग्रेस पर अपने सियासी फायदे के मुताबिक वार्डबंदी करने के आरोप लगाए जा रहे हैं लेकिन साथ ही ये सभी पार्टियां वार्डबंदी का प्रभाव कम करने के लिए मजबूत उम्मीदवरों की तलाश में जुट गई हैं। अगर नगर निगम चुनाव के लिए की गई नई वार्डबंदी पर नजर डाली जाए तो उसमें ज्यादा जोर विरोधी पार्टियों के दिग्गज पार्षदों से उनके प्रभाव वाली सियासी जमीन छीनने पर रहा है जिसमें विरोधी पार्टियों के पार्षदों के गढ़ माने जाते वार्डों को कई हिस्सों में बांट दिया गया है।
अगर फिर भी बात नहीं बनी तो उस पार्षद पर असर पडऩे के पहलू ध्यान में रखते हुए वार्ड को लेडीज या एस.सी. कैटागरी के लिए रिजर्व कर दिया गया। यह बात वार्डबंदी को लेकर पिछले एक हफ्ते के दौरान आए एतराजों से साबित हो गई है जिसमें मुख्य रूप से यही मुद्दा उठाया गया है कि नियमों के उलट जाकर कई मोहल्लों को 2 वार्डों में बांट दिया गया है। इसी तरह मेन रोड को वार्ड की बाऊंड्री बनाने के नियम का भी उल्लंघन हुआ है जबकि वार्डों को रिजर्व करने के लिए एस.सी. कैटागरी की आबादी के अनुपात को अनदेखा किया गया है। इस बारे में सभी पार्टियों ने एतराज जमा करवा दिए हैं जिसमें वार्डों की रिजर्वेशन अपनी मर्जी से करने के लिए उनकी नंबरिंग की प्रक्रिया में हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है।
इसके मद्देनजर वार्डबंदी में कोई बदलाव करने के बारे में अब सरकार ने फैसला लेना है और अगर ऐसा न हुआ तो इन पाॢटयों ने कोर्ट जाने की तैयारी की हुई है। उधर, मौजूदा वार्डबंदी के साथ ही चुनाव होने की सूरत में भी विरोधी पाॢटयों ने कांग्रेस को मुकाबला देने की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। पहले तो मौजूदा पार्षदों व अन्य दिग्गज नेताओं के लिए सेफ जोन की तलाश की जा रही है। इसके अलावा बाकी बचे वार्डों में मजबूत चेहरे चुनने पर जोर दिया जा रहा है जिसे लेकर हो रही मीटिंगों में यही चर्चा चल रही है कि सक्षम दावेदार पर ही दाव लगाया जाए।