Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 03:48 PM
नगर निगम प्रशासन ने विकास कार्यों को पटरी पर लाने के नाम पर ठेकेदारों को बकाया बिलों की पेमैंट करने के लिए 25 करोड़ का लोन रिलीज
लुधियाना (हितेश): नगर निगम प्रशासन ने विकास कार्यों को पटरी पर लाने के नाम पर ठेकेदारों को बकाया बिलों की पेमैंट करने के लिए 25 करोड़ का लोन रिलीज करवा लिया है लेकिन मुलाजिमों के उन 35 करोड़ का कोई ख्याल नहीं। जिसे कई महीनों से तनख्वाह में से काटकर उनके खातों में नहीं जमा करवाया जा रहा।
यहां बताना उचित होगा कि जब से चुंगी की वसूली बंद हुई है, उस समय से ही निगम की आॢथक स्थिति का दारोमदार सिर्फ सरकार से वैट की आमदनी में से मिलते हिस्से पर टिका हुआ है। एक तो यह पैसा कभी पूरा नहीं मिलता और न ही समय पर रिलीज किया जाता है। जो पैसा निगम के पास पहुंचता है। उसमें से भी पहले पैंशन, लोन की किस्तें व बिजली के बिल देने को पहल दी जाती है। इस चक्कर में मुलाजिमों को लंबे समय से हर महीने देरी से ही वेतन मिलता है। वह भी उस समय जब सरकार से आई मदद के बचे हुए हिस्से में जनरल कलैक्शन या किसी अन्य ग्रांट का पैसा जुड़ जाए। इस प्रक्रिया के तहत मुलाजिमों को उनका पूरा पैसा नहीं मिल रहा। जिससे जुड़ा पहलु यह है कि तनख्वाह में से फंड व लोन की किस्तें काटकर बाकी बचता पैसा ही मुलाजिमों को मिलता है। लेकिन जो पैसा काटा जाता है, उसे कई महीनों से मुलाजिमों के खाते में जमा नहीं करवाया जा रहा है, क्योंकि निगम के पास इसके लिए प्रबंध ही नहीं हैं। इसे लेकर मुलाजिमों द्वारा संघर्ष का रास्ता पकडऩे की तैयारी चल रही है।
मुलाजिमों को ब्याज का हो रहा दोहरा नुक्सान
निगम द्वारा वेतन में से काटा गया पैसा खाते में जमा न करवाने कारण मुलाजिमों का दोहरा नुक्सान हो रहा है। एक तो फंड उनके खाते में समय पर जमा न होने से उनको पूरा ब्याज नहीं मिलता। दूसरा, जिन मुलाजिमों द्वारा लिए लोन की वापसी के रूप में वेतन में से किस्तें काटकर उनके खाते में जमा नहीं करवाया जाता, उन कर्मियों पर बैंक के ब्याज का बोझ बढ़ रहा है।