Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Oct, 2017 10:54 AM
पटाखा विक्रेताओं के साथ हो रही नाइंसाफी पर पूर्व मेयर सुरेश सहगल ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 20 वर्ष पहले जब वह नगर निगम के मेयर थे तो उस समय भी प्रशासन ने व्यापारी भाइयों खासकर पटाखा व्यापारियों को बिक्री रोकने व गोदाम सील करने की...
जालंधर (जसप्रीत): पटाखा विक्रेताओं के साथ हो रही नाइंसाफी पर पूर्व मेयर सुरेश सहगल ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 20 वर्ष पहले जब वह नगर निगम के मेयर थे तो उस समय भी प्रशासन ने व्यापारी भाइयों खासकर पटाखा व्यापारियों को बिक्री रोकने व गोदाम सील करने की चेतावनी दी थी।
उस वक्त वह व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े हुए थे। उस समय चौक पंजपीर से लेकर अटारी बाजार, चौक सूदां, इमाम नासिर चौक, कादे शाह चौक सहित अन्य इलाकों में जब प्रशासनिक अधिकारी व्यापारियों को तंग करने आते थे तब वह खुद इन बाजारों में जाकर व्यापारियों को दुकानें बंद न करने व पटाखे बेचने को कहते थे। उन्होंने कहा कि दीवाली के दौरान पटाखा विक्रेताओं के कारोबार को जी.एस.टी. व लाइसैंस फीस जमा करवाने के बावजूद बंद करवा दिया गया है, जोकि सरासर धक्का है।
सहगल ने कहा कि मैं अपने राजनीतिज्ञ भाइयों से निवेदन करता हूं कि जैसे मैं अपने समय पर पटाखा व्यापारियों के साथ खड़ा था और उनके कारोबार को हानि न पहुंचा कर उनकी मदद की थी, वैसे ही आप भी उनके साथ सहानुभूति रखें और उन्हें सहयोग दें। उन्होंने कहा कि दीवाली का पर्व हमारे पूर्वजों खासकर हिन्दू समाज का है। अगर अन्य धर्मों के समागमों के दौरान पटाखे चलाए जाते हैं तो हिन्दू धर्म के इस पवित्र त्यौहार पर सरकार का रवैया इतना सख्त क्यों है? सहगल ने कहा कि बल्र्टन पार्क में इतने पैसे और लाइसैंस फीस भर कर दुकानें बनाई गई हैं। अब इसके उलट लाइसैंस कैंसिल करना अच्छी बात नहीं है।