Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 11:41 AM
पंजाब में आगामी होने जा रहे निगम चुनावों में दलित कोटा 33 से घटाकर 21 फीसदी करने के फैसले के खिलाफ दलित समाज द्वारा किया जा रहा विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
अमृतसर (महेन्द्र): पंजाब में आगामी होने जा रहे निगम चुनावों में दलित कोटा 33 से घटाकर 21 फीसदी करने के फैसले के खिलाफ दलित समाज द्वारा किया जा रहा विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
इसके चलते स्थानीय विधानसभा हलका पश्चिम से भाजपा प्रभारी राकेश गिल तथा दलित समाज से जुड़े स्थानीय राजनीतिक, धार्मिक तथा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कड़ा विरोध करते हुए शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन किया। इस मौके पर प्रतिनिधियों ने हाल ही में की गई नगर निगम की वार्डबंदी को लेकर न सिर्फ कड़ी आपत्ति व्यक्त की है, बल्कि उनका आरक्षण कोटा घटाने का भी कड़ा विरोध किया।
विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि पंजाब निगम एक्ट 1976 के तहत दलित वर्ग के लिए 33 फीसदी आरक्षित सीटों का प्रावधान रखा गया था। लेकिन इस बार इसे भी घटा कर 21 फीसदी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जब अमृतसर निगम में कुल 65 सीटें थीं तो उस समय दलित वर्ग का कोटा 33 फीसदी था, लेकिन अब जबकि सीटें 65 से बढ़ा कर 85 कर दी गई हैं तो इसके अनुसार दलित वर्ग के हिस्से की 28 सीटें बनती थीं, लेकिन नई वार्डबंदी के दौरान दलित वर्ग के लिए सिर्फ 18 सीटें ही रखी गई हैं, जो न सिर्फ संविधान के खिलाफ है, बल्कि दलित वर्ग के साथ बड़ा अन्याय है।
दलित कोटा बहाल न करने पर संघर्ष छेडऩे की दी चेतावनी
दलित वर्ग से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने सरकार को चेतावनी दी कि उनका निगम चुनावों में कोटा 33 फीसदी बहाल करते हुए दलित वर्ग को 28 सीटें जारी करवाए। वर्ना दलित समाज इस नई वार्डबंदी तथा घटाए गए आरक्षण के कोटे के खिलाफ कड़ा संघर्ष भी शुरू कर सकता है और जरूरत पडऩे पर अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।