Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 01:48 PM
पिछले कई दशकों से नगर निगम के लिए सिरदर्दी बने वाटर सप्लाई और सीवरेज के 25 हजार के करीब नाजायज कनैक्शन वालों को नगर निगम कमिश्नर ने 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम दे दिया है, क्योंकि सरकार की ओर से इस समय तक एक विशेष योजना के तहत छूट जारी की गई है, जिसमें...
पटियाला(बलजिन्द्र) : पिछले कई दशकों से नगर निगम के लिए सिरदर्दी बने वाटर सप्लाई और सीवरेज के 25 हजार के करीब नाजायज कनैक्शन वालों को नगर निगम कमिश्नर ने 15 जनवरी तक का अल्टीमेटम दे दिया है, क्योंकि सरकार की ओर से इस समय तक एक विशेष योजना के तहत छूट जारी की गई है, जिसमें 125 गज तक के मकान वाले यदि अपने नाजायज कनैक्शन को रैगुलर करवाना चाहते हैं तो उनसे कोई पुराना बिल नहीं वसूला जाएगा। जबकि इससे पहले 3 साल का पुराना बिल वसूला जाता था। इसके अलावा पैनल्टी भी ली जाती थी। लेकिन अब न तो कोई पैनल्टी ली जाएगी और न ही पुराना बिल वसूल किया जाएगा।
इसी तरह 125 गज से ऊपर वाले 3 साल की बजाय सिर्फ एक साल का बिल देकर नाजायज कनैक्शन को रैगुलर करवा सकते हैं। कनैक्शन की फीस आम की तरह ही ली जाएगी। इसी तरह कमर्शियल 250 गज तक और 250 गज से ऊपर से भी यूसेज चार्ज के आधार पर 3 साल की बजाय एक साल तक बिल वसूल कर ही कनैक्शन रैगुलर कर दिया जाएगा। निगम कमिश्नर ने वाटर सप्लाई और सीवरेज ब्रांच को स्पष्ट आदेश जारी कर दिए हैं कि जो भी नाजायज कनैक्शन धारक इस योजना के तहत 15 जनवरी तक लाभ नहीं उठाएगा उसके विरुद्ध 15 जनवरी के बाद सख्त कार्रवाई की जाए।
अब तक अवैध कनैक्शनों को रैगुलर करवाने के लिए समूची योजनाएं रही हैं फेल
शहर में अवैध कनैक्शनों को रैगुलर करवाने के लिए जितनी भी योजनाएं बनाई गई हैं वह सभी फेल रही हैं। हर सरकार द्वारा समय-समय पर इसको लेकर बहुत जोर आजमाइश की जाती रही है। सरकार की यह योजना कहां तक सफल रहेगी यह अभी समय ही बताएगा।
12 हजार बिल डिफाल्टरों पर भी हुई सरकार मेहरबान
पंजाब सरकार ने शहर के 12 हजार वाटर सप्लाई और सीवरेज के डिफाल्टरों को भी एक विशेष छूट दी है, जिसके तहत न तो पुराने बिल पर कोई ब्याज लगाया जाएगा और न ही पैनल्टी लगाई जाएगी। इतना ही नहीं बिल पर भी 10 फीसदी छूट दी गई है। सरकार की तरफ से इसके लिए भी 15 जनवरी तक का समय दिया गया है और इसकी नोटीफिकेशन भी निगम दफ्तर पहुंच चुकी है। वर्णनीय है कि नगर निगम के लगभग 12 हजार कनैक्शन धारक डिफाल्टर हैं जिनमें से पांच हजार के करीब डिफाल्टरों की तरफ बहुत कम बकाया खड़ा है जबकि 7 हजार डिफाल्टर ऐसे हैं जिनकी ओर ’यादा बकाया खड़ा है।
नगर निगम का 7 करोड़ का बकाया डिफाल्टरों की ओर
नगर निगम का 7 करोड़ का बकाया डिफाल्टरों की ओर खड़ा है। इनमें से लगभग एक करोड़ रुपए ऐसे हैं जिनके बारे निगम के पास पुख्ता रिकार्ड हैं परंतु & करोड़ ऐसे हैं जिनको रिकवर करना नगर निगम के लिए काफी मुश्किल है परंतु इस बारे पंजाब सरकार द्वारा जो सेवाएं दी गई हैं उसके साथ यह रिकवरी बड़े स्तर पर हो सकती है।