Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Nov, 2017 11:08 AM
प्रदेश में नगर निगम चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने नगर निगम चुनावों के मद्देनजर कमेटियों का गठन किया, मगर उम्मीद के उलट इस बार कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह को इन कमेटियों...
जालंधर(रविंद्र शर्मा): प्रदेश में नगर निगम चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने नगर निगम चुनावों के मद्देनजर कमेटियों का गठन किया, मगर उम्मीद के उलट इस बार कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह को इन कमेटियों में कोई अहमियत नहीं दी गई। पार्टी जानकार बताते हैं कि क्योंकि रेत खड्डों की नीलामी में राणा गुरजीत सिंह का नाम आने के बाद पार्टी की खासी किरकिरी हुई थी तो निगम चुनावों में राणा गुरजीत सिंह को आगे कर कांग्रेस विपक्ष को किसी भी तरह का कोई मुद्दा नहीं देना चाहती है, इसलिए राणा को इन कमेटियों से आऊट किया गया है।
कई नेता लगा रहे थे टिकट के लिए राणा के दरबार में हाजिरी
दोआबा के कांग्रेसी नेताओं को उम्मीद थी कि जालंधर नगर निगम चुनावों के लिए बनने वाली कमेटी में पार्टी कमान राणा गुरजीत सिंह के हाथ में देगी, मगर ऐसा नहीं हुआ और इससे राणा की दोआबा में जहां पकड़ कमजोर होगी, वहीं पार्टी के भीतर भी रुतबा कम होगा। कई नेता वार्ड से टिकट के लिए लंबे समय से राणा गुरजीत सिंह के दरबार में हाजिरी भी लगा रहे थे, उनकी उम्मीदों को भी इस कमेटी से खासा झटका लगा है।
दोआबा से एकमात्र कैबिनेट मंत्री हैं राणा
गौर हो कि दोआबा की बात करें तो यहां से केवल राणा गुरजीत सिंह को ही कैप्टन सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद मिला है। उन्हें दोआबा लॉबी में काफी मजबूत नेता भी माना जाता है। सरकार बनने के बाद उन्होंने दोआबा में अपनी पकड़ मजबूत करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी, मगर रेत खड्डों की नीलामी में उनका नाम आने के बाद काफी हो-हल्ला मचा था और सरकार को इस मामले में जांच भी बिठानी पड़ी थी। हालांकि सरकार जांच में राणा गुरजीत सिंह को क्लीन चिट दे चुकी है, मगर अंदर ही अंदर इस नीलामी की आग अभी भी सुलग रही है। इसके बाद राणा गुरजीत सिंह का दबदबा जरूर कुछ कम हुआ है।
स्क्रीङ्क्षनग कमेटी फाइनल करेगी नाम : जाखड़
पंजाब केसरी से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि राणा गुरजीत सिंह को निगम कमेटियों में नहीं लेने के पीछे रेत खड्डों की नीलामी का कोई कारण नहीं है। बनाई गई कमेटियां प्रत्येक वार्ड से टिकट दावेदारों के नाम फाइनल कर भेजेंगी और स्क्रीङ्क्षनग कमेटी आगे इन नामों पर मोहर लगाएगी।